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अजबघर रा क्यूरेटर
मूरती री तख्ती उपर स्त्री मूरती लिख्योड़ो देख र बा नै म्हें कैयो आप नै दूसरी सिगळी मूरत्यां किसै देवी देवता री है लक्षण देख'र लिखणों चइजतो । पण इण पुरस री मूरती नैं स्त्री भूरती किस तरै लिखी ? क्यूरेटर सा'व कैयो-नहीं-नहीं ठीक देवी री मूर्ति तो है । मैं कैयो आप मुलायजो फरमावो इण रै स्तन कोयनी। शिल्प सास्तर रै नियम मुजब लुगाई पीन पयोधरा हुणी जोईजै तो आ
कई कुलखणी लुगाई है? इत्तै मैं ही म्हारा मुनीम गणपतकोई अढ़ाई वरसां पैली री बात है। हूं आसाम
लालजी कैयौ-बाबू सा'ब कंवारी छोरी हुसी। मैं कैयो गावाटी गयो हो असैसमैंट री नकल वास्तै । इनकम
-आप इण रो मूंदो तो देखो । मूंछयां वळ खायोड़ी टैक्स रै दफ्तर सं आंवतै रस्तै में अजबघर देखण री मन
मौजूद है। जणे क्यूरेटर साब कैयौ-नहीं नहीं मूंछयां तो में आई। इयां तो दस बरसां पैली जद आसाम म्यूजियम री
कोनी। मैं कैयौ हाथ लगार देखो। उणाँ हाथ फेरयो चीज्यां रो संग्रह हुँतो ही जण छोटै रूप में देख चुक्यो
तो मूंछया परतख हाथ रै रड़की । जण तत्काळ असि हो पण अब के फेर विकास हुयोड़ रूप नै सरसरी निजर
सटेंट नै कैयो तख्ती फौरन बदळो। मनै कैयो-भूल हयगी. सं देखण री मनस्या ही, साथै म्हारा मुनीम गणपतलाल
ठीक करवा देतूं। जी हा। अजवघर में गया । पुरातत्व विभाग देख्यो ।
आगै चाल्या । छोटा-मोटा केई सुधारा बताया। थोड़ा सिलालेख जिका भी बिना बाँच्योड़ा सा लाग्या।
आखर एक लकड़ी री देवळी आगै जा'र खड़ा हुया । मूरत्यां रै परिचय में 'एक पुरुष' या 'एक स्त्री' जिसी
वैरो परिचय लिखोड़ो हौ इन्द्र की मूर्ति । मैं कैयौ-साब परिचायक तख्ती लागोड़ी देखी। अणमवी क्यूरेटर री
आ मूरती तौ मनै मुगलकाळीन लागै है । इण रे पाग कभी मालूम हुई। पाछा निकळ'र क्यूरेटर रै दफ्तर में
उण जमानै री है तथा पैरेस भी बिसौ ही दी है। क्यूरेटर गया । क्यूरेटर सा'ब विराजिया हा । सिस्टाचार सं
साब-कैयो आ हिंदू मिंदर मैं लागोड़ी ही जिकै सं मुगलां म्हांनै ले जार बैठाया। मैं केयो-हूं थांसं थोड़ी बात
री संभव कोनी। मैं कैयो-वै जमानै री हुणे स मुगल करणी चाऊ हूं | वां कैयो-इंग्रेजी या आसामियां किसी
हुणौ जरूरी कोनी पण हिंदू मूरत्यां ऊपरलो पैरेस वगैरे भाषा में बोल सो ? में कैयो-हूं तो हिन्दी या बंगला
मुगल काळीन हो सके है। पण ओ हाथ में कंई है? में बात करतूं । दूसरी में बोल नहीं सकू। जणे आं।
कंई इंद्र होको भी पीवतो होबां कैयौ ओ वाज है । मनै दोनां में आपरै दाय आवै जिकी में बात करो, मतलब तो
तो होको ही लाग्यौ । मैं-कैयो टोबाकू रो प्रचार अमभाव समझण सूं है।
रीका वाला साहद इंद्रपुरी तक कर दिया जिकै सं इंदर री मैं वा सं म्युजियम री सूची या चित्रावळी मांगी
मूरती में हुक्को मौजूद है। सिगला उपस्थित आदमी पण कोई तैयार नहीं हुणे सं निरास हणो पड्यो। मैं खिल खिलार हसण लागग्या । केयो-थां किताइ परिचय ठीक को लिख्यानी भूल्यां है। इण तरै मैं म्यूजियम में मनोरंजन करते अणभव जणे वे म्हारै साथै म्यूजियम में गया । दो-चार करयो कै कित्ताई म्यूजियमां रा क्यूरेटर तौ म्यूजियम में मूरत्यां रो परिचय वगैरै री बात हुणे रै बाद एक पुरस ई राखणे लायक है।
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