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परम गुरुभक्त संघवी कुंदनमल भूताजी
आहोर (राज.)
परम गुरुभक्त श्री लुणाजी पोरवाड़
आपने पू. मुनिराज श्री जयन्त विजयजी 'मधुकर' के सान्निध्य में आहोर से सिद्धाचलजी महातीर्थ का छ,रि पालता संघ सं. २०३३ में निकाल कर अपनी लक्ष्मी का सदुपयोग किया ।
श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के निर्माता संघवी लुणाजी पोरवाड़
राजगढ़ (धार)
वी. नि. सं. २५०३
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