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रिंगनोद आगमन पर समाज व परिषद् के सदस्यों ने दुर्व्यसन आदि का त्याग करने का संकल्प लिया। कुरीतियों को दूर करने में आपसी सहयोग द्वारा प्रयास किया जा रहा है।
(६) स्वधर्मी सहायता:-समाज में निर्धन वर्ग के लिये परिषद् केन्द्रीय सहायता कोष द्वारा जरूरत मन्द समाज के सदस्यों को सहायता दिलवाई व आगे भी प्रयास जारी हैं । दिनांक ११ अक्टोबर १९७७ को केन्द्रीय महामंत्री श्री सी. बी. भगत का आगमन हुआ। साथ में भूतपूर्व अध्यक्ष श्री सौभाग्यमलजी सेठिया तथा केन्द्रीय कोषाध्यक्ष श्री शान्तिलालजी सुराणा पधारे । आपके पधारने पर सकल संघ व परिषद के सदस्यों में भारी उत्साह व उमंग रहा । आपका भव्य स्वागत किया गया। दिनांक १९ जून १९७७ के शुभ दिन में ग्राम रिंगनोद में १७ वर्ष पश्चात् मुनिराज जयन्तविजयजी 'मधुकर' का आगमन हुआ। साथ में नव निर्वाचित अध्यक्ष श्रीमान भंवरलालजी छाजेड़, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्रीमान राजमलजी लोढ़ा व श्रीमान राजमलजी खाबिया मन्दसौर निवासी आदि महानुभावों का आगमन रिंगनोद में प्रथम बार हुआ । श्री खाबियाजी द्वारा सिलाई केन्द्र का उद्घाटन किया गया। केन्द्रीय परिषद की ओर से एक सिलाई मशीन भी प्राप्त हुई।
श्री चान्दमलजी डूंगरवाल आलोट निवासी, जावरा से श्री मदनलालजी कर्नावट, श्री जेठमलजी रूणवाल, श्री कन्हैयालालजी धाड़ीवाल, श्री बाबूलालजी कांठेड़ तथा अन्य सदस्यगण समय समय पर पधारकर पाठशाला तथा परिषद् की कार्यवाही का निरीक्षण कर मार्गदर्शन देते रहते हैं।
श्री सागरमलजी मांगीलालजी शाखा परिषद् के प्रथम अध्यक्ष हैं। वर्तमान में निम्नलिखित पदाधिकारी हैं:
अध्यक्ष-श्री पारसचन्दजी जड़ावचन्द डूंगरवाल, उपाध्यक्षश्री सागरमलजी मांगीलालजी ललवानी, कोषाध्यक्ष-श्री बसन्तकुमारजी मोतीलालजी खारीवाल, मंत्री-श्री यशवन्तकुमारजी मनोहरलालजी नांदेचा, सहमहामंत्री-श्री सुरेन्द्रकुमारजी रतनलाल जी श्रीमाल, प्रचार मंत्री-श्री शान्तिलालजी नाथूलालजी डूंगरवाल, शिक्षामंत्री-श्री मनोहरलालजी छगनलालजी ललवानी एवं परामर्शदाता-श्री कांतिलालजी दसेड़ा, श्री भीखमचन्द्रजी चोपड़ा तथा श्री जड़ावचन्दजी गुलाबचन्दजी डूंगरवाल केन्द्रीय प्रतिनिधि निर्वाचित हुए।
पिपलोदा जिला रतलाम (म.प्र.) के अन्तर्गत पिपलौदा परिषद की शाखा दिनांक ४ अगस्त १९७७ को पुनर्गठित अस्तित्व में आई। शाखा परिषद ने स्थापना के साथ ही धार्मिक पाठशाला स्थापित कर दी जिसमें बालक बालिकाएं प्रतिदिन धार्मिक अध्ययन करते हैं। शीघ्र ही शाखा संगीत मण्डल स्थापित करने का संकल्प किये हुए हैं। शाखा परिषद समाज में आध्यात्मिक चेतना, सामाजिक सुधार तथा समाज विकास की ठोस योजनाएं विकसित करने का प्रयत्न कर रही हैं। परिषद के एक सदस्य
द्वारा मंदिर में दीवाल घड़ी दिये जाने की भी घोषणा की गई है। महावीर जयन्ती, पर्युषण पर्व एवं तीर्थंकरों के जन्म कल्याण कार्यक्रमों सहित मनाये जाते हैं। भक्ति भाव किया जाता है। शाखा परिषद की सदस्य संख्या इकत्तीस है।
वर्तमान में निम्नांकित पदाधिकारी कार्यरत हैं:-अध्यक्षश्री निर्मलकुमार जी धींग, उपाध्यक्ष-श्री कन्हैयालालजी बोहरा, सचिव श्री सरदारमलजी बोहरा, कोषाध्यक्ष-श्री राजमलजी नांदेचा, प्रचारमंत्री,,श्री छोगालालजी बावेल तथा केन्द्रीय प्रतिनिधि श्री चिमनकुमारजी पुखर। जमलजी ।
आलोट पवित्र पावन श्री नागेश्वर तीर्थ की यात्रा के लिये विहार करते समय लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व पूज्य मुनिराज श्री जयन्तविजयजी महाराज का आलोट नगर में आगमन हुआ। तीर्थयात्रा के पश्चात जावरा हेतु प्रस्थान करते समय आलोट से पांच माईल दूर ग्राम भूतिया में समाज संगठन, कुरीति निवारण, गरीव वर्ग के आर्थिक तथा उत्तम कार्यक्रमों के संचालन हेतु आपने श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद की शाखा स्थापित करने का उपदेश दिया। पूज्य मुनिराज श्री की प्रेरणा से तत्काल परिषद गठन का निश्चय किया गया एवं अध्यक्ष के रूप में श्री माणकलालजी पारिख को चुना गया। इससे सभी के हृदय प्रसन्नता से भर गये। स्थापना के बाद से आलोट परिषद समाज सेवा में अथक प्रयत्नशील हैं। तीर्थकर श्री महावीर स्वामी के जयंतीउत्सव को मनाने हेतु सम्पूर्ण समाज को एक किया तथा एक विशाल जुलूस निकाला गया। आलोट के इतिहास में इतना भव्य जुलूस अभूतपूर्व था। पूरे नगर में इस आयोजन ने परिषद के लिये प्रशंसा जुटाई। परिषद शाखा द्वारा गरीबों को भी काफी संख्या में भोजन कराया गया। यह कार्य शाखा परिषद ने चन्दा एकत्र कर किया तथा एक विशाल आमसभा आयोजित की जिसमें नगर के विद्वानों के श्री महावीर स्वामी के जीवन पर प्रवचन हए। यहां परिषद सहायता निधि की पेटियां लगी हुई हैं। परिषद की ओर से गरुदेव समाधि मंदिर के सामने अखण्ड ज्योत प्रकट की जाकर स्थायी स्वरूप दिया गया है। प्रत्येक गुरु सप्तमी को गुरु महाराज की आरती सामूहिक रूप से की जाती है। समाज के श्री भेरूलाल जी भगाजी पारिख द्वारा संचालित ट्रस्ट की ओर से पाठशाला तथा सिलाई केन्द्र चलते हैं।
शाखा परिषद काफी सक्रिय है। वर्तमान में पदाधिकारी इस प्रकार हैं:-अध्यक्ष श्री माणकलालजी पारख, मंत्री श्री मोतीलालजी धाड़ीवाल, कोषाध्यक्ष-श्री शिवकुमारजी पारिख तथा केन्द्रीय प्रतिनिधि श्री सौभाग्यमलजी श्रीमाल।
बड़नगर
- बयासी सदस्यों की विशाल शाखा के रूप में बड़नगर (जिला उज्जैन, म. प्र.) की शाखा परिषद का परिचय दिया जा सकता
वी. नि.सं. २५०३
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