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नवीपेठ अहमदनगर, ४१४००१
( महाराष्ट्र)
दिनांक २५-७-७७ नवयुवक संस्कार एवं धर्म-भावना से ओतप्रोत बने । इस प्रकार के लेखा का यह प्रकाशन इष्ट एवं प्रशंसनीय है। खोजपूर्ण लेखों का संचय करके 'राजेन्द्र-ज्योति' अखण्ड धर्म-ज्योति को प्रकटित करे । जहाँ-जहाँ धर्म-भावना, परस्पर सामंजस्य तथा समाज-भावना की वृद्धि का प्रयास होता हो, वहां हमारी मंगल कामनाएँ हमेशा उपस्थित ही रहेंगी।
----आचार्य आनंद ऋषि
वीरायतन राजगृह दिनांक ३०-८-७७
महान् दिव्य आत्माओं के स्मृति-ग्रंथ उनकी स्मृति के उज्ज्वल चित्र जन-जीवन के समक्ष उपस्थित करने के एकमात्र उदात्त हेतु है। अतः नवयुवक परिषद् के इस आदर्श आयोजन का हृदय से स्वागत करता हूँ। आशा है, यह ज्योतिर्मय प्रयास भविष्य की परम्परा को सूचिर प्रकाश देता रहेगा।
--उपाध्याय अमरमुनि
राजेन्द्र भवन, राजगढ़ (धार)
दिनांक ३०-८-७७
यह जानकर अतीव प्रसन्नता हुई कि आपकी सत्प्रेरणा से रतलाम से 'राजेन्द्र-ज्योति' नामक ग्रंथ शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रहा है।
'राजेन्द्र-ज्योति' अपने ज्ञानालोक से अज्ञानान्धकार का नाश करती हुई जन-मानस को कल्याणकारी ज्ञान रूपी प्रकाश से आलोकित कर अपने नाम को सार्थक करे और इसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार हो, यही शुभकामना है ।
-मुनि शान्ति विजय
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राजेन्द्र-ज्योति
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