________________
000000000000
000000000000
युवा-हृदय श्री सुकन मुनि जी द्वारा प्रस्तुत अभिनन्दन संगीत कोशीथल के माय,
कल्पतरु छाया है जी छाया है। यह समारोह अति खास,
सभी मन भाया है जी भाया है। अम्ब मुनि का है अभिनन्दन ।
शतशत शतशत करते वन्दन ।। जैन जगत के रत्न, आप कहलाया है कहलाया है।
गाँव 'थामला' सेठ किशोरी ।
ता सुत है यह गुण के ओरी॥ भारमल्ल मुनि पास, संयम धन पाया है जी पाया है।
नही चंचलता, बड़ी सरलता।
बड़ी नम्रता, हृदय विशदता ।। मुखड़ा री मुस्कान, सभी दिल भाया है जी भाया है ॥
सन्त सभी मिल करके आया ।
श्रावक जन ने ठाठ लगाया। आया लोग अपार, मंडप नहीं माया है जो माया है ।
अभिनन्दन की स्वर्णिम वेला ।
कोशीथल में लग रया मेला।। अद्भुत ऐसा ठाठ, नयन लख पाया है जो पाया है ।
जलत यूगमा
mily
संगीतमय श्रद्धा समर्पण
-ओजस्वी वक्ता श्री जीतमल जी चोपड़ा
जैन जगत की शान है। भक्तां रा भगवान है ।।
जन जन प्यारा रे
सत्गुरु म्हारा रे। भारत माँ के बाल हैं। मरुधर मिश्रीलाल हैं।
जग उजियाला रे
सत् गुरु म्हारा रे। श्रमण संघ की ढाल है। गुरुवर अम्बालाल है।
मेवाड़ी सितारा रे।
सत्गुरु म्हारा रे॥ दीक्षा स्वर्ण जयन्ति है। सबकी यही विनन्ति है ॥
दीपो गुरु म्हारा रे ।
सत् गुरु म्हारा रे॥ कोशीथल आबाद है। संघ ने घणों धन्यवाद है।
स्वागत किया प्यारा रे। सत् गुरु म्हारा रे॥
-
MHThe
Driver