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पूज्य प्रवर्तक श्री का वक्तव्य | २१
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हैं, इनके पास भौतिक समृद्धि कुछ नहीं है, ये फक्कड़ हैं, इनके पास अपने जरूरी काम की वस्तुएँ भी अधिक नहीं हैं, फिर भी हम इनका सर्वाधिक सम्मान करते हैं, इसके पीछे इनकी अध्यात्मिकता है, साधना है ।
मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि ऐसी विशाल समायोजनाओं से हमें प्रभावित और प्रेरित होना चाहिए । गुरु अभिनन्दन का असर अपने जीवन में बना रहे यह आवश्यक है।
अभी आपने सामाजिक कुरीतियों के निवारण हेतु बड़े प्रेरक सन्देश सुने । हम केवल सुने ही नहीं, इन पर अमल भी करे।
समाज का एक अंग होने के नाते भी मैं आपको सलाह दूंगा कि अब दहेज, मृत्युभोज जैसी आवश्यक बातों को समाज से हटा देना चाहिए। यदि आप मुनियों के उपदेशों पर ध्यान नहीं देते हैं तो याद रखिये, कानून की तलवार सर पर लटक रही है। वह बड़ी कठोर होती है, उससे बचना चाहिये इसका मार्ग यही है कि हम सन्तों के उपदेश से बुराइयों को मिटा दें।
हम आज पूज्य गुरुदेव श्री अम्बालाल जी महाराज का अभिनन्दन कर रहे हैं ये क्षण हमारे लिए बड़े महत्वपूर्ण हैं, हमें इन्हें सम्पूर्ण रूप से सार्थक बनाना है।
आप सभी सज्जनों ने अभिनन्दन ग्रन्थ भेंट करने हेतु मुझे चुना, इसके लिए मैं आपका बड़ा आभारी हूँ। आप सभी की ओर से मैं विशाल अभिनन्दन ग्रन्थ पूज्य प्रवर्तक श्री को भेंट कर रहा है।
ग्रंथ हमारी श्रद्धा का प्रतीक है । मुनि श्री का संयम और इनके उपकार असीम हैं, उनकी तुलना में हम जो भेंट कर रहे हैं वह तो वास्तव में हमारी श्रद्धा है, हम केवल वही चरणों में अर्पित कर सकते हैं । ग्रन्थ हमारी श्रद्धा का एक साहित्यिक संस्करण है।
मैं अपनी हार्दिक श्रद्धा के साथ पूज्य मुनिराज का अभिनन्दन करता हुआ इनके दीर्घ जीवन की मंगल कामना करता हूँ।
आप सबने मुझे यह अवसर प्रदान किया, इसके लिए एक बार और हार्दिक धन्यवाद देता हूँ।
अपने महान अभिनन्दन के प्रत्युत्तर में पूज्य प्रवर्तक श्री का भावपूर्ण वक्तव्य भगवान महावीर रो शासन जयवन्तो है । हूँ तो, एक मामूली साधु हूँ । आप म्हने अतरो बड़ो सम्मान दी दो या तो आपकी गुण दृष्टि है, म्हूँ तो अस्यो नी हूँ के पूजाउँ ।
म्हे तो समाज री शासन री कोई खास सेवा नी की दी, जो भी व्यो वो सब बड़ेरा रो प्रताप है। आप जो म्हारो अभिनन्दन कीदो इं ने म्हूँ, भगवान महावीर ने बड़ेरा रा चरणा में अर्पण करू हूँ।
हूँ तो महावीर रा शासन रो एक सिपाही हूँ । भगवान री आज्ञा रो पालन करणो म्हारो कर्तव्य है । कोई आपणा कर्तव्य रो पालन करे तो कई बड़ी बात नी है। बड़ी बात तो कर्तव्य के उपरान्त और काम कर जदी वे । म्हें तो कर्तव्य सं ज्यादा आज तक कई नी कर सक्यो।
भगवान महावीर रा शासन रो काम ए कूनी चाल, साधु, साध्वी, श्रावक, श्राविका सब ध्यान राखे ने सेवा करे जदी शासन चमके । आप सूं म्हारो यो हीज के णो है के समाज में जो बुराइयाँ हैं ने जो आपने अतरा विद्वान और समाज सुधारक चेतारिया है, वणी पे ध्यान दे ने समाज रो सुधारो करो तो म्हने जरूर घणी खुशी वेला ।
टेम चली जा, बात रेजा अणी वगत चेत्या तो घणी फायदा री बात वेगा। अतरा मुनिराज और महासतियाँ जी महाराज अठे पधार्या दर्शन दी दा बड़ी कृपा की दी।
आखरी बात या है के मोटो बण्यां सू, कल्याण नी है, आप और हूं, चावे कोई वो भगवान री आज्ञा पालेला वीं को कल्याण है।
LATE-/--