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________________ Jain मदन मोहन जैन 'पवि' कानोड़ [ राजस्थान के प्रसिद्ध ज्योतिर्विद ] मेवाड़ संघ शिरोमणि पू. श्री अम्बालाल जी महाराज का फलित चक्रम् ॥ जन्मांक चक्रम ॥ ६ ४ 9. w ५ रा० D परिचय जन्म राजस्थान में उदयपुर जिला, ग्राम थामला में हुआ । माता प्यारबाई, पिता श्री किशोरजी सोनी, औसवाल कुल में बड़े साजन मान्यता प्राप्त के यहाँ अवतीर्ण हुये । १३ वर्ष की अवस्था में प्रेत लगने से एक भ्राता की मृत्यु । पिता व भ्राता की एक ही दिन मृत्यु हुई। पिता ने पुत्रवियोग में प्राण दे दिये । एक भ्राता वर्तमान में मौजूद हैं । भारमलजी महाराज की प्रेरणा से संसार-मुक्ति की भावना जागृत हुई । शिक्षा १० १२ मावली में हुई । ६ वर्ष की उम्र तक थामला ही रहे । कान में मोती व मोतियों की माला पहनने का शौक था । बाल्यकाल में पितृ-निधन हो गया। नौकरी की। मोहरिर, गिरदावर भी रहे। दीक्षा की भावना बलवती देखकर मेवाड़ महाराणा स्व० फतहसिंह जी के पास भावना में विघ्न पहुँचाने का भरसक प्रयत्न किया। दरबार ने एक माह तक जेल में रखा। प्रतिबन्ध लगा दिया गया। मुँहपत्ति सिपाही ने फाड़ दी । पक्का निश्चय पाकर महाराणा ने छोड़ दिया । संवत् १९८२ मृगसिर, शुक्ला अष्टमी को मेवाड़ पूज्य स्व० श्री मोतीलाल जी महाराज के पास दीक्षा ग्रहण की । दीक्षास्थल मंगलवाड़, जिला चित्तौड़ रहा । फलित सू० 2 बु० वृ. शु. (श. ११ के. नक्षत्रों की भाषा में जन्म संवत् १९६२ ज्येष्ठ शुक्ला तृतीया पुनर्वसु नक्षत्र राशि मिथुन, स्वामी बुध 62 - परिवार वाले पहुँचे । दीक्षा जैनियों से वार्ता पर भी सिंह लग्न में आपका जन्म हुआ है। इसी शुभ लग्न में जैनाचार्य श्री तुलसी, गुरु नानक, जनरल मानेकशाह का भी जन्म हुआ है । इस लग्न वाले क्रान्तिकारी, शान्तिकारी रहे हैं । स्व० शास्त्री जी, पृथ्वीराज पराक्रम श्री आचार्य तुलसी के केन्द्र में बुध राज्यस्थ होने से सर्वारिष्ट योग भंग हुआ है। बुध केन्द्रवर्ती श्री चौहान, सुभाषचन्द्र बोस, "पवि" सिक्ख धर्म संस्थापक गुरु नानक के था। तुला का मंगल भी हैं । डा० दार्शनिक राधाकृष्णन, सिकन्दर के भी विभिन्न राशियों में स्थित था । सप्तम में शनि आपके कुम्भ राशि का है । युधिष्ठिर, हेनरी फोर्ड के भी सप्तमस्थ था । शुक्र भाग्य में पं० श्री उदय जैन, मानेकशाह, युधिष्ठिर, कैनेडी के हैं । सूर्य राज्य में "ज्योतिष मिहिर " देवधर पाण्डेय, बी० जी० तिवारी के है । लाभ में मिथुन का चन्द्र vapuji ooooooooo0000 oooooooooooo 40000CCEED
SR No.012038
Book TitleAmbalalji Maharaj Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyamuni
PublisherAmbalalji Maharaj Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1976
Total Pages678
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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