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मेवाड़ : एक भौगोलिक विश्लेषण | ६१ यह प्रदेश अत्यन्त प्राचीन काल से कृषि और कुटीर उद्योगों के रूप में प्राचीन दस्तकारी के लिए प्रसिद्ध रहा है । परन्तु स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् राज्य के वर्तमान प्रशासन की प्रगतिशील नीतियों एवं प्रोत्साहनों के कारण प्रदेश में अनेकानेक खनिजों पर आधारित विविध उद्योगों का उदय हो रहा है। उदयपुर औद्योगिक प्रदेश में जिक स्मेल्टर, सीमेण्ट फैक्टरी, सूती वस्त्र, ग्लास फैक्टरी तथा शराब एवं औषधि बनाने के उद्योग सबसे अधिक उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त लकड़ी का काम, कपड़ों की प्रिंटिंग, रंग आदि के उद्योग भी काफी प्रगति कर रहे हैं। इसके साथसाथ भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ औद्योगिक काम्प्लेक्स, सूती वस्त्र, वनस्पति तेल, अभ्रक तथा लकड़ी कटाई एवं चिराई के लिए प्रसिद्ध है।
इस प्रदेश की परिवहन व्यवस्था में हरेक प्रकार की सड़कें, रेलमार्ग तथा बायुमार्ग सम्मिलित हैं। फलस्वरूप प्रदेश के अधिकांश नगर-भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, मावली, उदयपुर तथा डूंगरपुर रेलमार्ग से जुड़े हुए हैं, इस प्रदेश के मध्यवर्ती भाग को रेल, सड़क एवं वायुयानों की अच्छी सुविधायें प्राप्त हैं। दिल्ली, अहमदाबाद को मिलाने वाली छोटी लाइन इस प्रदेश के भीतर से होकर गुजरती है । इस प्रदेश को बम्बई, उदयपुर, दिल्ली की दैनिक वायु सेवायें भी सुलभ हैं । इस प्रदेश में सड़क सेवायें अधिक उल्लेखनीय हैं । सभी प्रमुख शहर अब सड़क मार्ग से जुड़ चुके हैं। इन मार्गों में भीलवाड़ा-उदयपुर (२०८ कि० मी०) अजमेर-भीलवाड़ा (१३३ कि० मी०) भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ (११५ कि० मी०) विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय सड़क मार्ग न० ८ इस प्रदेश में उत्तर-दक्षिण बनाई गई है । ग्रामीण इलाकों एवं पिछड़े हुए आन्तरिक क्षेत्रों को अब पक्की सड़कों से मिलाने की एक वृहद योजना राजस्थान सरकार के विचाराधीन है । परन्तु अभी यहाँ कच्चे मार्ग ही आवागमन के साधन बने हुए हैं। उत्पादन एवं वितरण करने वाले केन्द्रों के बीच आवागमन की उच्चकोटि को व्यवस्था अभी भी नहीं हो पाई है।
मेवाड़ प्रदेश की कुल जनसंख्या लगभग ५० लाख है तथा औसत घनत्व प्र० व० कि० मी० लगभग ११२ है। जिला स्तर पर जनसंख्या के वितरण, घनत्व, लैंगिक अनुपात तथा शहरीकरण के प्रतिशत को निम्न तालिका में दिखाया गया है :
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जिला का नाम
क्षेत्रफल (००) व० कि० मी०
शहरी जनसंख्या
(०००)
भीलवाड़ा उदयपुर चित्तौड़गढ़ डूंगरपुर बाँसवाड़ा
२२१
जनसंख्या शिक्षित घनत्व लैंगिक अनुपात (०००) प्रतिशत
(हजार) पुरुषों पर १०५५
१०१ ६१० १८०४ १७ १०४ ६५७ ६४५१८८७६३०
१०१५ ६५५
१३०
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१४१
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उपर्युक्त भौगोलिक कारकों की सहायता प्राप्त करते हुए एक समय का यह सामरिक एवं ऐतिहासिक प्रदेश अब उमड़कर संसाधनोपयोग प्रतिरूप की दृष्टि से आमूल परिवर्तन की करवटें बदल रहा है । चम्बल उप-ग्रिड स्टेशन, प्रचुर जल की सुलभता, विविध प्रकार के खनिजों की उपलब्धता, परिवहन की बढ़ती हुई सुविधायें तथा सर्वोपयोगी राजनैतिक संरक्षण के कारण यह एक सबल कृषि-औद्योगिक क्षेत्र के रूप में बदलता जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में अनेक, प्रकार की शिक्षण संस्थायें जैसे विश्वविद्यालय, मेडिकल कालेज, कृषि कालेज, कन्या महाविद्यालय, आयुर्वेद महाविद्यालय तथा प्रमुख नगरों, तहसील प्रधान कार्यालयों एवं बड़े-बड़े गाँवों में नाना प्रकार के माध्यमिक विद्यालय भविष्य की सम्भावनाओं को उत्तरोत्तर समृद्धिशाली एवं आशान्वित बनाने में दिन-रात जी-तोड़ प्रयास कर रहे हैं।
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