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संदेश
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यशपाल जैन
दिल्ली
(८)
मुझे यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि पूज्य प्रवर्तक श्री अम्बालाल जी महाराज की भागवती दीक्षा के पचास वर्ष पूर्ण होने पर उन्हें एक अभिनन्दन ग्रन्थ समर्पित किया जा रहा है। मैं इस आयोजना का स्वागत करता हूँ और उसकी सफलता के लिये अपनी मंगल कामनाएँ अर्पित करता हूँ । निर्मल आत्माओं के प्रति मेरे मन में गहरी श्रद्धा रहती है । स्वामी श्री अम्बालालजी महाराज साहब ऐसे ही सन्त पुरुष हैं। सरलता, सौम्यता आदि गुणों से आप ओत-प्रोत हैं। उन्होंने समाज की एवं शिक्षा क्षेत्र में जो सेवाएँ की हैं, वे निस्संदेह अभिनन्दनीय हैं ।
मैं स्वामी श्री अम्बालालजी महाराज साहब का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ और प्रभु से कामना करता हूँ कि वे दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें और अपने साधुचरित्र से समाज और राष्ट्र का मार्गदर्शन करते रहें ।
जवाहरलाल मुणोत बम्बई
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- यशपाल जैन
श्रमण संघ के प्रवर्तक सन्त रत्न पं० गुरुदेव श्री अम्बालालजी महाराज साहब की सेवा में उनके तपस्वी जीवन के ५१ वें वर्ष में प्रवेश पर, अभिनन्दनग्रन्थ का आयोजन नितान्त स्पृहणीय और प्रशंसनीय है। प्रकट है कि स्वयं सन्त शिरोमणि इस प्रकार के अभिनन्दन में कोई रुचि नहीं रखते । संभवतः वे इसका विरोध भी करते होंगे, परन्तु ये अभिनन्दन जैन समाज को नई प्रेरणा, नव स्फूर्ति और नव उद्बोधन के लिये अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होते हैं ।
दिनांक १८ जनवरी, १६७५
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इस दीर्घ - तपःपूत साधक को दीर्घतर संयम जीवन की श्रद्धायुक्त प्रार्थनाओं के साथ मेरे साधुवाद !
-जवारहलाल मुणोत
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