________________ सिध्दी के बिना प्रसिद्धी नहीं मिल सकती। भावना के बिना प्रभावना नहीं हो सकती। साधना के बिना सफलता नहीं मिल सकती। श्री डूंगरमलजी दोषी जिठाका जीवठा सूर्य की भांति प्रकाशीत है, चन्द्र की भांति सौम्य है, सिंह की भांति निर्मिक है, गजराज की भांति मस्त है, फूलो की भांति सुगंधित है, सागर की भांति गंभीर है, वही जीवठा वंदनीय, वर्णीय और अर्चनीय है। ऐसे शांत स्वभावी 'कोकण केशरी निराज श्री लेवेन्द्र शेखर विजयजी को कोटि-कोटि वंदठा। D. S. Doshi Dungarmal Pruthviraj & Co. M. S. Silicon Sheets & Transformer Core Ferrous & Non Ferrous Metal & Commision agent. 205,Upper Duncan road, Bombay-400008. Trin Trin Office : 3085719 Resi : 3085735 Education infamatiorial जयंत प्रिन्टरी : गिरगांम रोड, बम्बई-२. फोन : 252982, diww