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कवित्त
कीहट नो जिण भुवण जेण मइयो जेसा । तासु वंश जावड़ सुजस दारव्यौ भुणियाणै ।। सोनेरूपै साह सोह जिण सासण चाढ़ी। तेजपथग पुहकरण भला जु सेठ भराडी ।।
शिवराज
गणदेव 1
मेघ
आंबा ( बहुरी)
।
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पुत्रियांनी वाणी
जेसल (भार्यापूरी)
महीराज
1
सोमा
(मकू )
ऋषभदत्त धामा कान्हा जगमल
(चांपू )
•चतीन्द्रसूरि स्मारक अन्य इतिहास
मीरदत्त
पासदत्त
कीहट ( कपूरी) ( १ सरस्वती २ कौतिगदे
गजू
जींदा मूलराज (माल्हणदे)
1
सहसराज
मोहन ( पूंजी )
वंशवृक्ष
मोखदेव
वेडूर
रांका श्रेष्ठि जाखदे - आसदेव
झांबट
धांधल
देल्हा निवेद
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कूंपा
विमलदत्त कर्मण हेम ठाकुरसिंह
इस कवित्त के नामों में तथा आगे दिए जाने वाले वंशवृत्त के नामों में (कीहट के पुत्रों के नामों में) साम्यता देखी जाती है। विशेष शोध आवश्यक है।
सूरै समरै नोड़राज सोड काम उत्तम कीया। टापर नै भोजै एण परि जैतारण जग जस लीया ।।
रूपा
भीमसिंह
1
जयसिंह
धन्ना
( आल्ही)
लाखण
1
मम्मण
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जमपाल नाथू अमर (नायक दे)
1
पुत्री चंद्रावली हस्तू
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गेल्हा
नरसिंह
1
भोज
हरिराज
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