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ॐ अहँ नमः परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पतिसाहित्याचार्य शंत्रुजयावतार मालव भूमि का सिद्धाचल श्री मोहनखेड़ा तीर्थ उद्धारक
आचार्य देव श्रीमद्विजय यतीन्द्रसूरीश्वरजी म. सा.
दीक्षा शताब्दी स्मारकगन्ध * प्रकाशन की स्वर्णीम स्मृति में वन्दन वन्दन वन्दन *
परम पूज्य गुरुणीजी साध्वी श्री देवेन्द्र श्रीजी म.सा.
भीनमाल निवासी श्रीमती सुआबाई सुमेरमलजी लुकड़, भीनमाल
की ओर से
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