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मध्य प्रदेश शासन भोपाल-४६२००४ दि. २२ जनवरी, ८७
मुख्यमंत्री
संदेश
प्रसन्नता का विषय है कि अध्यात्म-जगत की परम साधिका महासती श्री उमरावकंवरजी म. सा. 'अर्चना' के संयमी जीवन की अर्धशताब्दी के अवसर पर उनकी अर्चना, दीक्षा, स्वर्णजयंती मनायी जा रही है। ___ मुझे आशा है कि इस अवसर पर प्रकाशित अभिनंदन ग्रन्थ में महासतीजी के व्यक्तित्व और कृतित्व, जैन संस्कृति के विभिन्न आयामों तथा योगसाधना से सम्बन्धित विषयों पर संकलित सामग्री जैन समाज के लिए उत्प्रेरक एवं संग्रहणीय बनेगी। अभिनंदन ग्रन्थ के प्रकाशन के लिये शुभकामनाएँ।
मोतीलाल वोरा
साधुवाद
आपका पत्र मिला, प्रवचनशिरोमणि अध्यात्मयोगिनी महासती श्री उमरावकुंवरजी म. सा. "अर्चना" जी के जीवनवृत्त पर माप उनकी दीक्षा की ५० वीं जयन्ती के अवसर पर एक बहत अभिनन्दन ग्रन्थ का प्रकाशन कर रहे हैं। प्रकाशनवेला पर साधुवाद ।
महासतीजी का पूरा जीवन अहिंसा की वीणा पर चेतना का सरगम है, आवश्यकता है सुरों को समझने की। पाइये, हम प्रयास करें कि उनकी वाणी को जीवन में समझ सकें।
-भारतसिंह भोपाल
मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग, २३ अक्टूबर '८७
खनिज संसाधन, श्रम (म. प्र.)
आई घडी अभिनंदन की चरण कमल के वंदन की
अर्चनार्चन /
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