________________
द्वितीय खण्ड / ४८ ७. साध्वी श्री उदितप्रभाजी म. सा. (उषा)
आपका जन्म कलकत्ता में दिनांक २-११-१९६० को श्रीमान् बालचन्दजी वेदमूथा की धर्मपत्नी श्रीमती रुकमाबाई की पावन कुक्षि से हुआ। माघ कृष्णा पंचमी वि० सं० २०३७ दिनांक २५-१-८१ को डेह ग्राम में श्रमणसंघीय उपप्रवर्तक स्वामीजी श्री ब्रजलालजी म. सा. ने आपको दीक्षामंत्र प्रदान कर आपका नाम उदितप्रभा घोषित किया। __ आपने साहित्यरत्न एवं पाथर्डी बोर्ड से आचार्य प्रथम खण्ड की परीक्षा उत्तीर्ण की।
थोकड़े एवं आगमों का अच्छा ज्ञान है। आपने सुखविपाकसूत्र का सम्पादन किया।
८. साध्वी श्री विजयप्रभाजी म. सा.
आपका जन्म ब्यावर (राजस्थान) में श्रीमान् माणकचन्दजी सा. डोसी की धर्मपत्नी पद्मा देवी की पावन कुक्षि से श्रावण कृष्णा दशमी को हुअा था ! ____ आपने वि० सं० २०३८ चैत्र शुक्ला सप्तमी के शुभ दिन युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी म. सा. 'मधुकर' से ब्यावर में दीक्षा व्रत अंगीकार किया।
आपने सिद्धान्तविशारद एवं साहित्यरत्न प्रथम खण्ड की परीक्षा उत्तीर्ण की।
RE
९. साध्वी श्री हेमप्रभाजी म. सा.
आपका जन्म श्रीमान् मांगीलालजी चौरड़िया को धर्म परायणा धर्मपत्नी श्रीमती मनोहरदेवी की पावन कुक्षि से दिनांक ५-२-१९६६ को हुप्रा। - आपकी दीक्षा माघ कृष्णा पंचमी वि० सं० २०३९ के शुभ दिन नोखा चांदावतों में स्व. स्वामीजी श्री ब्रजलालजी म. सा. के मुखारविंद से
.
आपको दशवैकालिक उत्तराध्ययनसूत्र, सुखविपाक, नन्दी आदि के अतिरिक्त १०० थोकडे,
ढालें व स्तवन कण्ठस्थ हैं।
Jain Educati
ternational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org