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५. आन पर बलिदान
अन्य
१. आगम परिचय
२. जैनधर्म की हजार शिक्षाएँ
३. जियो तो ऐसे जियो
शिष्य :- प्रापके दो शिष्य हैं, जिनकी परिचय रेखा इस प्रकार है
१. मुनिश्री विनयकुमारजी 'भीम'
जन्मतिथि - वि. सं. २०१२ ज्येष्ठ शुक्ला १५, दि. ५ जून १९५५
जन्मस्थान -- गाजू (कुचेरा), जि. नागौर (राजस्थान )
पिता - श्री रामचन्द्रजी रावणा राजपूत
माता - श्रीमती सजनीबाई
दीक्षा - वि. सं. २०३८ माघ शुक्ला ११ बुधवार, २६ जनवरी १९७२ नोखा चांदावतों का (नागौर)
द्वितीय खण्ड / १६
गुरुदेव -- उपप्रवर्तक स्वामी श्री ब्रजलालजी म. एवं युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी म. 'मधुकर'
अध्ययन - हिन्दी, जैन सूत्र व काव्य आदि
विशेष रुचि -स्वर मधुर गायन का शौक, कविता में रुचि, सेवाभावी,
उत्तम कथाकार ।
२. मुनिश्री महेन्द्रकुमार जी 'दिनकर'
जन्मतिथि - वि.सं. २०१६ पौष कृष्णा ३०, ब्यावर
पिता - श्री माणकचन्द जी डोसी
माता - श्रीमती पद्माबाई
दीक्षा - वि. सं. २०३१ मार्गशीर्ष कृष्णा ११, दि. ९-९-१९७४ महामंदिर, जोधपुर गुरुदेव – उपप्रवर्तक स्वामीजी श्री ब्रजलालजी म एवं युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी म. 'मधुकर'
अध्ययन - संस्कृत, हिन्दी ( चल रहा है )
विशेष - गुरु सेवा में विशेष लगन, मौन साधना की रुचि, कविता, मुक्तक आदि लिखने में रुचि ।
साध्वी समुदाय
उपप्रवर्तक स्वामी श्री ब्रजलालजी म. सा. एवं युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी म. सा. 'मधुकर' की आज्ञानुवर्तिनी महासतियाँ जी के संघाड़े
(१) महासती श्री कानकुंवरजी म. का संघाड़ा
(२) महासती श्री उमरावकुंवरजी 'अर्चना' म. का संघाड़ा (३) महासती श्री झणकारकुंवरजी म. का संघाड़ा (४) महासती श्री उगमकुंवरजी म. का संघाड़ा (५) महासती श्री सोहनकंवरजी म. का संघाड़ा
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