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धन्य राजस्थान
1 साध्वी श्री वनिता बाई म. सा. भाइयो रे....सुवर्ण जयंति प्राजे रे उजवाय
धन्य राजस्थान, धन्य कहेवाय कल्याण याय, महोत्सव कराय
धन्य राजस्थान........ जन्मभूमि, मेरवाडामां दादिया गाम मोजार पिता मांगीलालजी, माता अनोपाबाई, जेमनी कुक्षी मोजार बहेनो रे....पुत्री-रत्न पामो, हैयारो हरखाय....
धन्य राजस्थान........ । जन्म साथे, सात दिवसमां, मातानो वियोग थाय पिता सुखे पण, वचित रहेतां, पराये दोर पडाय भाइयो रे....लधुवयमां, संसार सगपणे जोडाय
धन्य राजस्थान........ । मेरवाडामां दोराइ गामे, चंपकभाई साथे लग्न संबधो जोडी करीने, संसार सुखे राचे बहेनो रे...अल्पकाळमां सौभाग्य, खंडित थइ जाय ।
धन्य राजस्थान........ उमादेवी, सुख-दुःख जोतां, वैराग्य रंगे झूले पिता पुत्री, अकज रस्ते, करवा साधना साथे भाइयो रे.... नोखा गामे, दीक्षा महोत्सव कराय
धन्य राजस्थान........! दीक्षा गुरु, हजारीमलजी, जयमल गुरु परिवार सरदारकुंवरजी, गुरुणी आपना, संयम पंथ मोजार बहेनो रे....प्रोगणीसो चोराणुमां, वीरनो मार्ग लेवाय
धन्य राजस्थान........ सती अर्चनाजी, ध्यानमां झूमता, तप-जप करतां साथे यात्म-रमणमां, झूलता-झूलता, शिष्य मंडली साथे भाइयो रे.... अनेक जीवोने तार्या संसार मोजार
धन्य राजस्थान........ ।
आई घड़ी अभिनंदन की चरण कमल के वंदन की
अर्चनार्चन | २४
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