SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1261
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री गणेशमलजी, श्री राजमलजी का पितातुल्य ही आदर व सम्मान करते तथा उनकी आज्ञाओं का पालन करते थे। श्री गणेशमलजी की पत्नी का नाम श्री सुन्दरबाई था । श्री सुन्दरबाई बहुत सरल व भद्र स्वभाव की धर्मशीला श्राविका थीं । अभी-अभी आपका स्वर्गवास हो गया । श्री गणेशमलजी के दस पुत्र एक पुत्री हुए जिनके नाम इस प्रकार हैं-श्री जोगीलालजी, श्री पारसमलजी, श्री अमरचन्दजी, श्री मदनलालजी, श्री सायरमलजी, श्री पुखराजजी, श्री जेठमलजी, श्री सम्पतराजजी, श्री मंगलचन्दजी व श्री भूरमलजी । पुत्री का नाम लाड़कंवरबाई है। श्री गणेशमलजी ने अपने सभी पुत्रों को काम पर लगाया । वे साठ वर्ष की अवस्था में दिवंगत हो गए। सभी भाइयों का व्यवसाय अलग अलग है। सभी परस्पर हिल-मिलकर रहते हैं। सभी सम्पन्न एवं धर्मनिष्ठ हैं । तीसरे भाई श्री अमरचंदजी का देहावसान हो गया है। श्री जेठमलजी श्री सायरमलजी के बहुत बड़े सहयोगी व आज्ञाकारी भाई हैं। दोनों भाई धार्मिक व सामाजिक कार्यों में सदा सतत अभिरुचि रखने वाले हैं। __ आपने अपने पूज्य पिताश्री की स्मृति में मेड़ता रोड में एक आयुर्वेदिक औषधालय बनवाया है जिसमें प्रतिमाह सैकड़ों रोगी उपचार का लाभ प्राप्त करते हैं । नोखा में आपका एक कृषि फार्म भी है। . आपके हृदय में जीव-दया के प्रति बहुत गहरी लगन है। यही कारण है कि आपने अपने कृषि फार्म के बाहर पशुओं के पानी पीने की व्यवस्था सदा के लिये बना रखी है। वि. सं. २०३० में उपप्रवर्तक पूज्य स्वामी श्री ब्रजलालजी म. सा., पं. र. श्री मधुकर मुनिजी म. सा. व मुनि श्री विनयकुमारजी 'भीम' के वर्षावास की स्मृति में श्री वर्धमान जैन सेवा समिति का गठन किया गया। यह संस्था परमार्थ का काम कर रही है। आप इस संस्था के स्तम्भ सदस्य हैं और समय-समय पर अर्थ आदि का सहयोग देकर संस्था को सुदृढ़ बनाते रहते हैं। श्रीमान् जेठमलजी का व्यवसाय क्षेत्र है-बेंगलोर । 'महावीर ड्रग हाउस' के नाम से आपकी एक अंग्रेजी दवाइयों की बहुत बड़ी दुकान है । दक्षिण भारत में अंग्रेजी दवाइयों के वितरण में इस दुकान का सबसे पहला नम्बर है । श्रीमान् जेठमलजी बेंगलोर में रहते हैं। बेंगलोर में श्रीमान् जेठमलजी की बड़ी अच्छी प्रतिष्ठा है। आप औषधि व्यावसायिक एसोसियेशन के जनरल सेक्रेटरी हैं। अखिल भारत औषधि-व्यवसाय एसोसिएशन के आप सह-मंत्री भी हैं । बेंगलोर श्री संघ के ट्रस्टी हैं । बेंगलोर युवक जैन परिषद के अध्यक्ष हैं । बेंगलोर सिटी स्थानक के उपाध्यक्ष हैं। श्री जेठमलजी के तीन पुत्र और एक पुत्री है । पुत्रों के नाम-श्री महावीरचंद, श्री प्रेमचन्द, श्री अशोककुमार और पुत्री का नाम स्नेहलता है। आपके सभी पुत्र ग्रेजुएट हैं-सुयोग्य हैं । श्री जेठमलजी के कार्यभार को सम्भालने वाले हैं। मनुष्य प्राकृति से नहीं, प्रकृति से महान् होता है । सरलता, सेवाभावना, उदारता, जीव मात्र के प्रति दयाशीलता, सहयोग भाव और मुक्तहृदय और मुक्तहाथ से शुभ कार्यों में स्व-उपाजित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012035
Book TitleUmravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuprabhakumari
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1988
Total Pages1288
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy