SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1175
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अर्चनार्चन Jain Education International पंचम खण्ड / २४२ , युवावस्था में मासिकधर्म होते समय अधिकांश युवतियों को पेड़ के दर्द की शिकायत रहती है जिससे उनका काम करना भी दूभर हो जाता है। योग की कुछ क्रियायें जैसे सर्वांग आसन, हलासन, पादहस्तासन, त्रिकोण ग्रासन इस प्रकार की बीमारियों को दूर करने में बहुत सहायक होते हैं । किन्हीं - किन्हीं महिलाओं को मासिकधर्म के साथ-साथ अन्य तकलीफें भी शुरू हो जाती हैं । जैसे सिरदर्द, घबराहट, बार बार पेशाब का आना, पेट के नीचे व बीच में ऐंठन होकर दर्द होना, यह दर्द रुक-रुक कर होता है। ऐसी स्थिति में डाक्टर दर्द को हटाने की गोलियां देते हैं लेकिन बीमारी ज्यों की त्यों बनी रहती है। योग साधना का अभ्यास ऐसे समय में बहुत उपयोगी सिद्ध हुधा है। मासिकधर्म के समय योगसाधना का अभ्यास नहीं करना है। यदि आप नियमित रूप से योगाभ्यास करती हैं तो साधारणतया इन बीमारियों से बचाव हो सकता है। सफेद पानी की बीमारी - भारतवर्ष में ५८ प्रतिशत महिलाओं को सफेद पानी की शिकायत रहती है, जिसे ल्यूकोरिया कहते हैं। यह शिकायत ज्यादातर ग्रामीण महिलाओं को अधिक होती है। यह तकलीफ किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है। इसमें योनिमार्ग से सफेद द्रव्य का स्राव होता है। यदि इस द्रव्य से गंध भाती है तब इसका इलाज कराना आवश्यक हो जाता है। अगर सफेद पानी से गंध नहीं आती है तो यह सफेद पानी तरलपदार्थ की ग्रन्थियों से सामान्यरूप से निकलता है और इसमें इलाज की आवश्यकता नहीं होती । इसके लिये जरूरी चीज है, महिलाओं में इस बात का पता लगाना कि सफेद पानी बीमारी की वजह से है या स्वाभाविक रूप से इसका सरल उपाय है तरलपदार्थ की गंध का पता लगाना, जैसाकि पहले लिखा जा चुका है। गंधयुक्त तरल पदार्थ बीमारी की स्थिति में ही प्राता है । साधारणतः यह प्रजनन संस्थान के संक्रमण के कारण होता है। दूसरा कारण है गर्भाशय पर सूजन आना तथा गर्भाशय के मुंह की नली में छाले हो जाना और इन सभी बीमारियों में सफेद गंधयुक्त पदार्थ निकलता है। योनि के भाग में दर्द होता है, कभी-कभी खुजली भी चलती है । कभी-कभी संभोग के समय दर्द होता है और योनि की जांच करते समय वहाँ पर छाले दिखाई देते हैं। इस प्रकार की तकलीफ होने पर योगसाधना का अभ्यास अवश्य करना चाहिये मूलबंध उहुयानबंध, भस्सिका प्राणायाम इन तकलीफों को 'दूर करने में बहुत ही लाभदायी सिद्ध हुआ है। 1 मध्य आयु की महिलाओं में विशेषकर संक्रमण के कारण योनि के मुंह पर सूजन श्र जाती है। इससे महिला को संभोग के समय दर्द होता है तथा बार-बार अधूरा बच्चा गिरने की संभावना रहती है। महिलाओं को योनि से सफेद पानी जाना, पेडू में दर्द होना, पेशाब का बार-बार आना, इसे सर्विसाइटिस की बीमारी कहते हैं। इस प्रकार के मरीज को महिला चिकित्सक से जांच करवाना आवश्यक हो जाता है और संक्रमण का इलाज करवा लेना चाहिये । इसके बाद योग-साधना का अभ्यास करना चाहिये जिससे वहाँ रक्त का संचार अधिक हो तथा बीमारियों से बचा जा सके । अधिक उम्र की महिलाओं में और विशेषतः प्रसव के बाद गर्भाशय का मुँह बाहर निकलने लगता है। जिसे प्रोलेप्स की बीमारी कहते हैं। ऐसी महिलाओं में बहुत सी तकलीफें शुरू हो जाती हैं जैसे कमरदर्द, पीठर्दद, योनिमार्ग पर छाले पड़ना, खून का निकलना और कभी कभी For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012035
Book TitleUmravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuprabhakumari
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1988
Total Pages1288
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy