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________________ IIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIII I IIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIII[८५] बम्बई से कच्छ बाडा वाले ५० लोगों का एक संघ श्री बाबूभाई के नेतृत्व में पाया । इसी दिन भीनमाल राजस्थान के प्रचलगच्छ जैन श्री संघ के २५ व्यक्तियों का संघ श्री वाणिगोता मारणकजी हेमाजी एवं श्री घेवरचन्द माणकचन्द सेठिया के साथ आया। इसी प्रकार मुलुड अचलगच्छ जैन श्री संघ के करीबन १०० से अधिक श्रावक श्राविकाओं का संघ दिनांक १९-९-७६ को श्री सामजी जखभाई गाला, श्री मोरारजी नानजी रेतीवाला एवं श्री नरसी गोसर के नेतृत्व में पाया । दिनांक २०-९-७६ को थारणा जैन श्री संघ एवं थाणा श्री आदिनाथ महिला मंडल के ५० से अधिक सदस्यों का संघ आया। जिन्होंने रात्रि में विशेष सांस्कृतिक आयोजन कर मारवाड़ के लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस संघ का नेतृत्व श्री भाईलाल भाई मेघजी, श्री दामजी भाई खीमजी-मेराउ वाला एवं श्री मावजी भाई रवजी कच्छ रायधणजार वाले कर रहे थे। इन्ही में से १५ दम्पतियों ने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत पालन करने की भव्य समारोह के बीच विधिपूर्वक शपथ ली । इस दिन पुद्गल वोसिरावने की विधि भी हुई । आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेने वालों को करीबन एक सौ से अधिक रुपयों की प्रभावना भेट स्वरूप प्रदान की। दिनांक २१-९-७६ को प्राचार्य भगवन्त की जन्मभूमि देढिया-बम्बई वासी ५० व्यक्तियों का संघ श्री भोजराज चंपसी एवं संघवी श्री रायसिंह भागजी के नेतृत्व में पाया । इसी माह में २२-९-७६ को ७५ व्यक्तियों का एक संघ घाटकोपर-बम्बई से श्री विशनजी खीमजी गोधरावाले, श्री करमसी लखमसी धना भुजपुर वाले एवं श्री मावजी वेलजी रतडिया वाले के नेतृत्व में आया। . सघ इसी तरह अक्टूबर १९७६ माह में तीन संघ पाये। गांधीधाम कच्छ से ५० व्यक्तियों का एक संघ श्री चांपसी पदमसी की तरफ से दिनांक १३-१०-७६ को पाया। दिनांक १४-१०-७६ को ३५ व्यक्तियों का संघ अहमदाबाद-गुजरात से एवं ३१-१०-७६ को उदयपुर-परतापगढ के अचलगच्छ के १० व्यक्तियों का संघ पाया । इस माह की २ तारीख को आर्य तत्त्वज्ञ जैन मित्र मंडल बम्बई के मंत्री श्री ताराचन्द गोसर एवं श्री वसंतगाडा भी आये। नवम्बर १९७६ को ५ संघों का बाड़मेर आगमन हमा। इन संघों के अतिरिक्त श्री पार्श्वनाथ जैन मन्दिर के प्रतिष्ठा महोत्सव पर हजारों नागरिक बाड़मेर जिले के आसपास के गांवों एवं अन्य प्रदेशों से भी आये। दिनांक १-११-७६ को श्री लक्ष्मीचन्द मेघजी उमरसी एवं श्री प्रेमजी कानजी के नेतृत्व में ५५ व्यक्तियों का संघ पाया । मोरसीम-राजस्थान के अचलगच्छ संघ में २० व्यक्ति श्री घेवरचन्द प्रोगडजी के नेतृत्व में दिनांक ४-११-७६ को आये। दिनांक ५-११-७६ को सांताक्रुझ कलिकुड श्री पार्श्वनाथ जैन तीर्थ के चेयरमैन श्री नानजी केशवजी एवं अखिल भारतीय अचलगच्छ जैन संघ के मंत्री श्री बंकिमचन्द्र के. शाह और श्री नेमचन्द टोकरसी के नेतृत्व में ४० व्यक्तियों सहित आये और इन्होंने संघ पूजन किया। इसी तरह कच्छ मकडा-बम्बई से १५ व्यक्तियों का एक संघ दिनांक २२-११-७६ को श्री दामजी हीरजी गोसर एवं श्री देवजीभाई सरपंच के नेतृत्व में आया । कच्छ गोधरा से पालीतणां को माहसुदि पंचमी दिनांक २४-१-१९७७ को आचार्यश्री जी की निश्रा में पैदल संघ निकालने की विनती करने हेतु श्री विशनजी लखमसी एवं श्री विसनजी खीमजी भी आये ।। दिनांक ३०-११-७६ को अखिल भारत अचलगच्छ जैन संघ के अध्यक्ष श्री नारायण भाई बाड़मेर पधारे । श्री नारायण जी शामजी भाई का एक विशेष समारोह में श्री श्वेताम्बर अचलगच्छ जैन श्री संघ एवं दादाश्री कल्याणसागरसूरि जैन मंडल द्वारा पुष्पहार पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। રસ ગ્રી આર્ય ક યાણગૌતમ સ્મૃતિ ગાંઘ શિ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012034
Book TitleArya Kalyan Gautam Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalaprabhsagar
PublisherKalyansagarsuri Granth Prakashan Kendra
Publication Year
Total Pages1160
LanguageHindi, Sanskrit, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size35 MB
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