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२. श्री सोहनकुवर मानव सेवा सहायता है। उन्होंने अपने समाज में अनेक उल्लेखनीय कार्य फण्ड-प्राणिमात्र की सेवा करना मानव का किये हैं। इस मण्डल के द्वारा धार्मिक शिक्षण के
कर्तव्य है। आपके उपदेशों में प्रायः यह भावना साथ-साथ मानव सेवा भी की जाती है। इस (EODY) मुखरित होती रहती है। आपने अनेक स्थानों पर मण्डल की सदस्यायें अस्पताल में जाकर गरीबों में. CO स्थायी/अस्थाई स्वधर्मी सहायता फण्ड खुलवाये। दवाई व दूध-फल आदि का वितरण करती हैं।
आपके विचार विराट हैं और भावना अति उदार आपकी प्रेरणा से यह मण्डल उत्तरोत्तर प्रगति कर
है । स्वधर्मी की तो सहायता करनी ही चाहिए, रहा है । Sill इससे तो पीछे हटना भी नहीं चाहिए। लेकिन ५. महावीर जैन महिला मण्डल, नाथद्वारा
स्वधर्मी से भी अधिक सहायता की आवश्यकता समाज में नारी का विशेष महत्व है। संगठित से ( अन्य मनुष्यों को है । अनेकों को अपनी उदर पूर्ति होकर महिलायें पुरुषों के समान कार्य कर सकती ए
के लिए परिश्रम करते हुए भी भोज्य पदार्थ प्राप्त हैं। इस मण्डल की स्थापना से जो महिलायें पर्दे में , नहीं हो पाते हैं। 'बुभुक्षित किं न करोति पापं" रहती थीं, वे भी आगे आकर सेवा कार्य में भाग ६ पेट की ज्वाला को शान्त करने के लिए अज्ञानी लेने लगी हैं। समारोहों में भाग लेकर अपने का जन पशुओं को मारकर खाते हैं। ऐसे मनुष्यों की विचारों को सबके सामने रखने लगी हैं । इस IIE सेवा/सहायता के लिगे आपने तिरपाल गांव में श्री महिला मण्डल के माध्यम से अनेक रूढ़ियों को भी सोहनकुंवर मानव सेवा सहायता फण्ड को स्थापना मिटाया गया जिनमें मृत्यु के समय रोने-धोने और को है । आपकी सद्गुरुणी श्री सोहनकुँवर जी महा- सबसे बड़ी समस्या दहेज पर भी करारी चोट कर 10 राज इसी तिरपाल गाँव की थी। यह संस्था मानव सकती है। इस मंडल के प्रयास से रोने-धोने की रूढ़ि र सेवा का उल्लेखनीय कार्य कर रही है।
तो कम हई है। इस मण्डल के माध्यम से महिलाएँ । ३. श्री सोहनवर बालिका मण्डल, नान्दे- धार्मिक ज्ञान प्राप्त करने में रुचि लेने लगी हैं। IKE शिमा-सन् १९८७ में नान्देशमा तहसील गोगुन्दा सही देखा जाये तो इस मण्डल के कारण नाथद्वारा
जिला उदयपुर में आपका वर्षावास था । यह वर्षा- की महिलाओं में नई जागृति उत्पन्न हो रही है। । वास पूरे मेवाड़ संघ की ओर से हुआ था । इस यह आपकी प्रेरणा का ही परिणाम है। वर्षावास में अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक आयोजन
६. महावीर जैन महिला मण्डल, डूंगला-इस Mi हुए। आपकी प्रेरणा से यहाँ श्री सोहन कुँवर
मण्डल के माध्यम से डूंगला की महिलाओं में 5 बालिका मण्डल की स्थापना हुई। बालिका मण्डल
धार्मिक चेतना जागृत को जा रही है । सप्ताह में ने आपकी प्रेरणा से अनेक सराहनीय कार्य किये।
एक बार धर्म स्थानक में आकर धार्मिक चर्चा एवं र अनेक सांस्कृतिक कार्य भी किये। बालिकाओं की अभिव्यक्ति की प्रतिभा का विकास भी इस मण्डल
ज्ञान-ध्यान सीखा जाता है । के माध्यम से हुआ। इसके अतिरिक्त यह मण्डल ७. महावीर जैन युवा सण्डल, डूंगला-युवक धार्मिक जागृति में भी उल्लेखनीय योगदान दे रहा राष्ट्र का कर्णधार है। वह समाज का मुख भी है, और है। जो बालिकायें सामायिक, प्रतिक्रमण, भक्तामर, मस्तिष्क भी है। वह शक्ति का अक्षय कोष है। पच्चीस बोल आदि नहीं जानती हैं, उन्हें इस यदि वह संगठित होकर अपनी शक्ति का सदुपयोग मण्डल के माध्यम से सिखाया जाता है।
करे तो निश्चित ही समाज संध व धर्म की उन्नति ४. चन्दनबाला जैन बालिका मण्डल, नाथ- हो सकती है। अतः आपने यूवकों को संगठित C द्वारा- नाथद्वारा का बालिका मण्डल सुशिक्षित होने का आह्वान किया । आपकी प्रेरणा से डूंगला १७२
द्वितीय खण्ड : जीवन-दर्शन 60 साध्वीरत्न कुसुमवती अभिनन्दन ग्रन्थ
www.jainetbrary.org
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