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________________ पारसमल भूरट लौटना पड़ता है। कभी-कभी प्रवेश न पाने के कारण कुछ लोग नाराज भी हो जाते हैं किन्तु विद्यालय प्रबंधन की लाचारी है। हमलोग स्थान ढूँढ़ रहे हैं। एक कॉलेज भी स्थापित करने का विचार चल रहा है। समस्या है उपयुक्त स्थान का न मिल पाना। लेकिन 'जहाँ चाह वहाँ राह' । 'हम होंगे कामयाब एक दिन'। सभा के कार्यकर्ताओं एवं सदस्यों में उत्साह है, इच्छाशक्ति है तथा सामर्थ्य भी है और उत्साही शिक्षाविधों का पथ-प्रदर्शन एवं आशीर्वाद भी प्राप्त है। श्री जैन विद्यालय, हावड़ा के इस गौरवशाली दशक के अवसर पर मैं अध्यापकों, प्रधानों तथा अन्य कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूँ और कामना करता हूँ कि इसी प्रकार विद्यालय भविष्य में और भी उन्नति के शिखर की ओर अग्रसर होगा। कोषाध्यक्ष: श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा, कोलकाता हम होंगे कामयाब एक दिन सन् १९२८ में संस्थापित श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा का इस वर्ष कौस्तुभ जयन्ती वर्ष प्रारम्भ होने जा रहा है, यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई। इस संस्था द्वारा संचालित विविध गतिविधियों में से एक श्री जैन विद्यालय, हावड़ा है जो कोलकाता एवं हावड़ा के प्रमुख विद्यालयों में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। यह हर्ष का विषय है कि यह विद्यालय शिक्षा यात्रा का एक दशक पूर्ण कर रहा है। इस अल्पावधि में ही इसने शिक्षा, अनुशासन में एक सुनाम अर्जित किया है। प० बं० माध्यमिक शिक्षा पर्षद् एवं प० बं० उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद द्वारा मान्यता प्राप्त इस विद्यालय में सम्प्रति ४२०० छात्र-छात्राएँ शिक्षार्जन करते हुए अपने जीवन-पथ पर अग्रसर हो रहे हैं। विद्यालय का परिणाम प्रारम्भ से ही प्रतिवर्ष शत-प्रतिशत होता आ रहा है। पाठ्येतर कार्यक्रमों में भी इसका विशिष्ट स्थान है। आधुनिक तकनीक में कहीं हम पीछे न रह .जाएँ इसलिए विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं के लिए कम्प्यूटर शिक्षा का उत्तम प्रबन्ध है। मल्टीमीडिया द्वारा भी बच्चों को शिक्षा दी जाती है। पठन-पाठन तथा सुन्दर प्रशासन के कारण ही आज अनेक स्थानीय एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उच्च माध्यमिक कक्षाओं में विज्ञान की कक्षाएँ प्रारम्भ करने का अनुरोध हो रहा है किन्तु सानाभाव के कारण यह सम्भव नहीं हो पा रहा है। प्रवेश के समय इतना दबाव रहता है कि सैकड़ों अभिभावकों को निराश शिक्षा-एक यशस्वी दशक सभा खण्ड/१४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012030
Book TitleJain Vidyalay Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherJain Vidyalaya Calcutta
Publication Year2002
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
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