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किशनलाल बोथरा
यही हमारा महामंत्र भी कहता है : णमो आयरियाणं एवं णमो उवज्झायाणं। ऐसी भावनाओं से हर विद्यालय स्वार्थ रहित होकर समाज को सच्ची सेवाएँ देता है और देता रहेगा। मैं सभा के हर कार्यकर्ता को बधाई एवं साधुवाद देता हूँ। वे सदा इस कार्य में सहयोगी रहें।
बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए आज विद्यालय कम हैं। जरुरत है और भी अच्छे विद्यालय एवं कॉलेजों की जहाँ राजनीति और स्वार्थ की भावना से दूर विद्यार्थी सही शिक्षा प्राप्त कर सके। और यह जरुरत पूरी करने के लिए श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा सदा प्रयत्नशील रहेगी, ऐसा विश्वास है।
पूर्व अध्यक्ष श्री जैन विद्यालय, हावड़ा
णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं
श्री जैन विद्यालय हावड़ा (अपने दोनों विभागों को साथ लिए) गरिमामय एक दशक पूर्ण कर रहा है। श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी
जैन सभा (अभिभावक संस्था) के संस्थापकगणों का शुभाशीर्वाद फलीभूत रहा। पश्चिम बंगाल के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परिक्षाओं में यहाँ के विद्यार्थियों की शतप्रतिशत सफलताओं से इस विद्यालय को भी एक महत्वपूर्ण स्थान मिला। विद्यालय के शिक्षक
और कार्यकर्ताओं की स्वार्थरहित एकनिष्ठ भावना और भी मजबूत सिद्ध हुई और विद्यालय हावड़ा में समूचे समाज का एक कीर्तिस्तम्भ बना। मुझे भी अत्यन्त गर्व महसूस होता है कि ऐसे कार्यकर्ताओं और शिक्षकों की प्रथम कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का मौका मिला था।
भवन निर्माण के समय हावड़ा के मेरे कतिपय औद्योगिक मित्रों ने बहुत ही सहयोग दिया था। उनमें सर्वश्री श्यामसुन्दरजी केजड़ीवाल, श्री घनश्याम अग्रवाल, श्री शरद दूगड़ एवं श्री शंकरलालजी हाकिम अग्रणी थे। इस समय मैं उन्हें भूल नहीं सकता। उन्हें मैं उनके सहयोग एवं इस सुकार्य के लिए हार्दिक बधाई एवं साधुवाद देता हूँ।
श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा के हर कार्यकर्ता ने विद्यालय के शिक्षक वर्ग को सदा आदरणीय एवं पूजनीय स्थान दिया और सिद्ध किया कि शिक्षक का समाज में सर्वोत्तम स्थान है।
सभा खण्ड/११
शिक्षा-एक यशस्वी दशक
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