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________________ अमीत यादव, कक्षा : ७ 'अ' कर राजकुमार की आँखों में लगा दिया। राजकुमार सबको देखने लगा। राजा ने खुश होकर श्याम को कुछ माँगने के लिये कहा तो श्याम ने उस वन को माँगा। राजा ने वह वन उसे दे दिया। श्याम ने जंगल में जाकर मिट्टी के अंदर गड़ी सोने की सारी मुद्राएँ निकाल ली और झाड़ी के नीचे सोने के घड़े में जो गहने थे वे भी ले लिये। वह अब खूब धनी हो गया। रतन को जब यह मालूम हुआ तब वह भी जंगल के बरगद के पेड़ पर चढ़ गया। रात को सब जानवरों ने कहा कि उनका सब धन गायब हो गया, तभी रतन बोल पड़ा कि वह मेरा भाई था। जानवरों ने मिलकर रतन को पेड़ पर चढ़कर इतना पीटा कि वह मर ही गया। लालची भाई एक गाँव में दो भाई रहते थे। बड़े भाई का नाम रतन और छोटे भाई का नाम श्याम था। रतन एक विद्यालय में पढ़ाया करता था जबकि छोटा भाई सारा दिन खेती करने में ही गुजार देता था। लेकिन रतन को खाना अच्छा मिलता था और उसके छोटे भाई को रूखा-सूखा मिलता था। इस बात पर दोनों की पत्नी एक-दूसरे से हमेशा झगड़ती रहती थी। बड़ी बहू बहुत चालाक थी। उसने दोनों भाइयों को अलग करवा दिया। रतन ने छोटे भाई के हिस्से की भी सारी दौलत हड़प ली। श्याम की पत्नी ने उसे शहर जाकर कुछ पैसे कमाने की सलाह दी। वह जंगल की राह से शहर जाने लगा। चलते-चलते शाम हो गई। उसने एक बरगद के पेड़ के ऊपर विश्राम करना उचित समझा। रात के समय उस पेड़ के नीचे जंगल के सभी पशु आये। उनमें से लोमड़ी ने भालू से कहा कि "उसने अपने घर में सोने की मुद्राएँ छिपा रखी हैं।'' भालू ने कहा, "मैंने तो अपना धन दूर की एक झाड़ी में छिपा कर रखा है।" इसी तरह सारे पशु अपने-अपने धन के बारे में बातें कर रहे थे। तालाब के पास कुछ छोटे-छोटे पेड़ भी थे। उनमें से एक ने कहा कि 'इस वन के राजा का बेटा अन्धा है। अगर कोई मेरे पत्ते का रस उसकी आँखों में लगा दे तो वह देख सकेगा।' यह सब बात श्याम सुन रहा था। प्रात:काल होने पर उसने उस पेड़ के कुछ पत्तों को तोड़ लिया और राजदरबार में चला गया। उसने उस पत्ते का रस निकाल विद्यालय खण्ड/३४ शिक्षा-एक यशस्वी दशक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012030
Book TitleJain Vidyalay Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherJain Vidyalaya Calcutta
Publication Year2002
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
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