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________________ 3 पन्नालाल कोचर हमारे यहाँ एक कहावत थी कि माँ की गोद ही बालक की प्रथम पाठशाला है। किन्तु आज बिल्कुल इसके विपरीत हो रहा है। दूध मुँहे बच्चे को गोद से अलग कर किंडरगार्टेन स्कूलों में भेज दिया जाता है। इसको आज रोकने की आवश्यकता है। जो माँ की गोद से बालक सीख सकता है, वह अन्यत्र अति दुर्लभ है। अत: स्त्री शिक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है। If you educate a girl, you educate a family बच्चा राष्ट्र का भावी निर्माता है, यह तभी चरितार्थ हो सकता है जब माँ पूर्णतया शिक्षित हो और अपने बच्चों को वह भारतीय परिवेश के अनुसार ढाल सके। श्री जैन विद्यालय, हावड़ा फॉर गर्ल्स के द्वारा जो शिक्षा प्रदान की जा रही है, वह उसी उद्देश्य की पूर्ति में सफल हो, यही हमारा प्रयत्न है। स्त्री शिक्षा का स्तर काफी ऊँचा उठा है पर इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में लड़कियाँ अभी भी लड़कों से काफी पीछे हैं। इसमें उनके अभिभावकों या मातापिता की मानसिकता बाधक है। लड़कियों के माता-पिता या अभिभावक उसके विवाह की शीघ्रता करने लगते हैं। यों भी कह सकते हैं कि लड़की विवाह योग्य हो गई है अत: इसका विवाह कर श्री जैन विद्यालय, हावड़ा अपनी शैक्षणिक यात्रा के दस वर्ष देना उचित है ताकि वे अपने उत्तरदायित्व से मुक्त हो सकें। इसी पूर्ण कर चुका है एवं अपनी इस सफल यात्रा के उपलक्ष्य में मानसिकता के चलते अभी भी हमारी लड़कियाँ तकनीकी क्षेत्र में 'शिक्षा : एक यशस्वी दशक' समारोह का आयोजन कर रहा है, आगे नहीं बढ़ पा रही हैं अत: अभिभावकों को इस मानसिकता से यह अत्यन्त प्रसन्नता की बात है। मैं इस समारोह की सफलता की। मुक्त होने की आवश्यकता है। कामना करता हूँ एवं उन पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, शिक्षकों एवं आज लॉरेटो एवं अन्य मिशनरी स्कूल की तरह से हमारे यहाँ छात्रों को हार्दिक बधाई देता हूँ जिनके अथक परिश्रम, अध्यवसाय, भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि छात्राएँ अध्ययन के साथ-साथ अपनी लगन का यह सुखद परिणाम है। अन्य रुचियों का विकास कर सकें एवं जीवन के हर क्षेत्र में गति दुछ समय पूर्व ही मुझे श्री जैन विद्यालय हावड़ा फॉर गर्ल्स की कर सकें. किसी से पिछडी न रहें। प्रबन्ध समिति का अध्यक्ष भार दिया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में मेरी प्रसन्नता है कि श्री जैन विद्यालय, हावड़ा हर प्रकार के वर्तमान बहत गति न होने पर भी मुझे यह दायित्व दिया गया है, इस दायित्व एवं अधनातन साधनों से सम्पन्न एवं युक्त है। एक अच्छी लाइब्रेरी, के सम्यक् निर्वाह का मैं प्रयत्न करूँगा। कम्प्यूटर, मल्टीमीडिया, इण्टरनेट आदि की पूर्ण सुविधाएँ हैं एवं ___ भारतवर्ष में स्वतंत्रता के बाद शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक छात्र-छात्राओं को इसका लाभ भी मिल रहा है। परिवर्तन अवश्य हुआ है। तकनीकि एवं अन्य संकायों का भी मैं पुन: उन कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को बधाई देता हूँ काफी प्रचार-प्रसार हुआ है लेकिन भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं जिन्होंने हावडावासियों को यह सौगात दी है।। वातावरण के अनुसार जो स्वरूप एवं स्तर होना चाहिए था, वह नहीं यह एक सुखद संयोग है कि सन् १९२८ में संस्थापित श्री हो पाया है। राजनीति एवं क्षुद्रस्वार्थों ने इस पावन क्षेत्र को गंदा कर श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा के कौस्तभ जयन्ती वर्ष का प्रारंभ दिया है या यों कहें कि मैकाले ने जिस उद्देश्य से शिक्षा का जो श्री जैन विद्यालय. हावडा के शिक्षा : एक यशस्वी दशक समारोह स्वरूप प्रचलित किया था, उसमें वह आजादी के बाद और अधिक से हो रहा है। प्रभावी हो गया। अनेक आयोगों का गठन किया गया एवं उन्होंने अपने सुझाव भी दिये किन्तु उनके अनुरूप कोई परिवर्तन अभी तक अध्यक्ष श्री जैन विद्यालय फॉर गर्ल्स, हावड़ा नहीं हुआ। शिक्षा-एक यशस्वी दशक विद्यालय खण्ड/९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012030
Book TitleJain Vidyalay Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherJain Vidyalaya Calcutta
Publication Year2002
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
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