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________________ 0 सुन्दरलाल दुगड़ इस विद्यालय ने हावड़ा में एक बहुत बड़े अभाव की पूर्ति की है। एक अच्छे शिक्षण संस्थान की कमी को इसने पूरा ही नहीं किया अपितु हावड़ावासियों को एक उच्च शिक्षण संस्थान प्राप्त हो गया। अच्छे परीक्षा परिणाम, अनुशासन एवं उच्च शिक्षण स्तर ने न केवल हावड़ा में अपितु कोलकाता के अच्छे शिक्षण संस्थानों में इसने अपना स्थान बना लिया है। अध्यापको की लगन, मेहनत एवं अध्यापन के प्रति समर्पण भावना का ही यह परिणाम है। विद्यालय में कक्षा एक से अध्यायन अध्यापन होता है। हमारी इच्छा है कि यहाँ नर्सरी की कक्षाएँ भी प्रारंभ हों इसके लिए जमीन और भवन की सख्त आवश्यकता है। यदि हावड़ा म्युनिसिपल कार्पोरेशन अपनी वह जमीन जहाँ मुर्दो को जलाकर वायुमंडल को प्रदूषित किया जाता है, विद्यालय को पार्क बनाने के लिए प्रदान कर दे ताकि उसका उपयोग हो सके तदर्थ हम प्रयत्नशील हैं एवं अधिकारियों से अनुरोध है कि शिक्षण संस्थान के आस-पास का वातावरण शुद्ध, स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित बनाने के लिए स्वेच्छा से हमें भूमि प्रदान कर दे ताकि एक बहुत अभाव की पूर्ति हो सके। अन्य जमीन मिलने पर वहाँ नर्सरी की कक्षाओं के लिए भवन बनाने २५/१, बोन बिहारी बोस की जो भूमि मैने व श्री रतनजी का विचार है जिससे यह सुविधा भी हावड़ावासियों को प्राप्त हो चौधरी ने क्रय की थी, उसी को श्री जैन विद्यालय स्थापित करने के सके। लिए उचित स्थान समझकर श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा के हावड़ा में एक अच्छे कॉलेज की भी अत्यन्त आवश्यकता है पदाधिकारियों ने पसन्द कर लिया एवं हमने भी सहर्ष यह भूमि ताकि हावडावासियों को उच्च शिक्षण के लिए कोलकाता के विद्यालय निर्माण के लिए समर्पित कर दी। उस समय यह स्वप्न में कॉलेजों का चक्कर न काटना पडे। सभा के पदाधिकारीगण एवं भी नहीं सोचा था कि इतना शीघ्र इस पर भवन निर्मित हो जायेगा कार्यकर्ताओं का यह चिन्तन निरन्तर चल रहा है। मुझे विश्वास है एवं एक विशाल विद्या मंदिर की स्थापना हो जाएगी। सभा के कि हमारे ये स्वप्न भी शीघ्र साकार होंगे एवं हावड़ावासियों के बच्चों कर्मठ कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के दृढ़ संकल्प, कठोर को प्रारम्भिक से लेकर उच्च शिक्षा यहीं प्राप्त हो जायेगी। परिश्रम तथा अथक अध्यवसाय ने श्री जैन विद्यालय हावड़ा को मूर्त श्री जैन विद्यालय, हावड़ा ने अपनी एक दशकीय शैक्षणिक रूप प्रदान किया एवं सन् १९९२ में यह विद्या केन्द्र छात्र-छात्राओं यात्रा पूर्ण की है एवं शिक्षा : एक यशस्वी दशक समारोह का को शिक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर हो गया। आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर स्मारिका भी प्रकाशित हो रही ___कहावत है-'जहाँ चाह वहाँ राह' । श्री जैन विद्यालय, हावड़ा है, इसकी पूर्ण सफलता की हार्दिक कामना करता हूँ। छात्र, के निर्माण ने इस कावत को चरितार्थ किया है। प्रयत्न और परिश्रम शिक्षक, अभिभावक एवं प्रबन्धन इसके महत्वपूर्ण अंग हैं। मैं से असंभव भी संभव हो जाता है। पाँच तल्ले का विशाल श्री जैन सबको हार्दिक बधाई देता है तथा अपनी अशेष शुभकामनाएँ विद्यालय प्रयत्न और परिश्रम का ही सुफल है। आज श्री जैन समर्पित करता हैं। इसी समारोह से श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन विद्यालय में ४२०० छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत हैं एवं यह अपनी सभा के कौस्तभ जयन्ती के वर्ष व्यापी कार्यक्रमों का शुभारंभ भी शैक्षणिक यात्रा के दस वर्ष पूर्ण कर रहा है, यह अपने आप में हो रहा है. यह सोने में सहागा एवं मणिकांचन संयोग है। महत्वपूर्ण है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस विद्यालय की प्रबन्ध समिति का अध्यक्ष बनाया गया। शायद इसके निर्माण में मेरी रुचि अध्यक्ष : एवं प्रयत्न का ही यह सुफल है। मैंने तो अपने दायित्व के निर्वाह श्री जैन विद्यालय फॉर ब्वायज, हावड़ा का प्रयत्न किया है। विद्यालय खण्ड/८ शिक्षा-एक यशस्वी दशक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012030
Book TitleJain Vidyalay Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherJain Vidyalaya Calcutta
Publication Year2002
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
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