________________
अलका धाड़ीवाल
हीरक जयन्ती स्मारिका
Jain Education International
शोक सभा एक युवा तपस्विनी की
बुत बनी बैठी. औरतें ।
विचारों के ताने-बाने बुनती
औरतें ।
लम्बे घूंघट से झांकती औरतें ।
स्वर्गवासी की
मां, बहनें और भाभियां,
कुछ कहतीं,
कर्मों का क्षय
और
मोक्ष की प्राप्ति ।
कुछ कहतीं
कच्ची उम्र
और
बच्चों का अधबुना भविष्य |
For Private & Personal Use Only
विद्वत् खण्ड / ३५
www.jainelibrary.org