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________________ श्री विनोद शर्मा श्री विनोद शर्मा हिन्दी-साहित्य के आकाश के उभरते हुए नक्षत्र हैं । इनकी लेखनी में साधना, समन्वय और रचनात्मकता को अभिव्यक्त करने की अपूर्व कला है । शब्द में अर्थ और अर्थ में शब्द के अन्वेषी श्री विनोद शर्मा हरियाणा के एक छोटे से ग्राम बुटाना में दिनांक ४-३-६७ को जन्मे । आपने 'साहित्यरत्न' की परीक्षा श्रेष्ठ अंकों से उत्तीर्ण की । तदनंतर आपने साहित्य - जगत् में प्रवेश किया । बोधकथाओं से युक्त कृतियाँ 'श्रुति' एवं 'बिखरे पुष्प' आपकी श्रेष्ठ रचनाएं है । 'मंजिल की खोज' आपके चिंतनपरक निबंधों का संग्रह है। 'महाश्रमण' एवं 'श्री रणसिंहजी म. संक्षिप्त जीवनी' इन कृतियों के आप संपादक-लेखक हैं । - बचपन से ही जैन संस्कारों में रचे-बसे इनके सर्जक व्यक्तित्व ने निबंध, बोध कथानकों से हिन्दी साहित्य को अलंकृत किया है। सम्प्रति लेखन, सम्पादन और साहित्यिकअन्वेषण में अहर्निश संलग्न इस युवा लेखक से सम्पूर्ण साहित्य जगत् को कई रचनात्मक अपेक्षाएं हैं। आशा है व अपनी सृजन-शीलता से इन आशाओं को आकार प्रदान करेंगे। - - डॉ. राजेन्द्र 'रत्नेश' सम्पर्क सूत्रS/o. श्री रामरूप शर्मा, मु.पो. बुटाना, जिला सोनीपत, (हरियाणा) Jain Education International परिचय श्रीमती विजया कोटेचा आप एक श्रेष्ठ स्वाध्यायी, प्रतिभावान लेखिका एवं प्रभावशाली वक्तृ हैं । आपने बी. ए. तक शिक्षा प्राप्त की । अध्ययन - लेखन में बचपन से ही रुचि है । अनेक धार्मिक शिविरों एवं कक्षाओं का सञ्चालन किया । धार्मिक-शिक्षिका !! सम्प्रतिः साहित्य मंथन एवं निष्कर्ष । पूज्य श्री सुमन मुनिजी के प्रवचनों में से सार्थक सूक्तियों का संकलन “सुमन-वाणी” का प्रस्तुतीकरण किया । समाज सेविका एवं बालक - किशोर जीवन निर्देशिका | श्रीमती विजया कोटेचा से समाज को कई अपेक्षाएं हैं। सम्पर्क सूत्र७७, स्टेशन रोड, अम्बत्तुर, चेन्नई - ६०० ०५३ For Private & Personal Use Only www.jainelity.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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