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________________ परिचय श्री मांगीलाल जी कोठारी श्री मांगीलाल जी कोठरी आलन्दुर निवासी एक समाज सेवी सुश्रावक हैं। आप श्रीमान बिजैराज जी कोठारी के सुपुत्र हैं, तथा राजस्थान प्रान्त के नागौर जिलान्तर्गत खजवाणा ग्राम के निवासी हैं। आलन्दुर में आप फाइनेन्स के व्यापार में कार्यरत हैं। आपद धर्म-भक्ति के संस्कार आपकी पूज्य माता जी से प्राप्त हुए जो हमेशा धर्म-क्रियाओं को जीवन में प्रधानता देती थी। आपके छ पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं। श्री पुखराज जी मुणोत श्री पुखराज जी मुणोत का जन्म दिनांक ७-८-१६२० को राजस्थान के पीपाड़ शहर के सन्निकट जोधपुर जिले के रणसी गांव में हुआ। आप स्व. श्री फूलचन्दजी मुणोत के सुपुत्र हैं। आपका जीवन बहुत संघर्ष पूर्ण रहा, किन्तु अपने साहस, पुरुषार्थ व परिश्रम से निरन्तर आगे बढ़ते गए। आप १३ वर्ष की उम्र में ही व्यवसाय शिक्षणार्थ तिण्डीवनम् में संखलेचा परिवार के पास आए। १४ वर्ष तक वहीं रहे। अपनी कर्तव्य परायणता से आपने व्यवसाय का शिक्षण प्राप्त किया तथा बाद में ताम्बरम में अपना स्वतन्त्र व्यवसाय प्रारम्भ किया। कुशाग्रबुद्धि, कड़ी मेहनत एवं न्यायपूर्वक व्यावहारिकता से आपने अपने व्यापार को समृद्ध किया तथा उसमें सफलता प्राप्त की। बचपन से ही सप्त कुव्यसनों से दूर रहे। अनेक स्वजनों को सहायता दी। आपकी धर्म-पत्नी श्रीमती रुक्मा बाई सुशील, विनम्र एवं सेवा भावी सुगृहिणी थी जिनका समाधि-मरण दिनांक ५-३-६८ को हुआ। श्रीमान् मुणोत जी धर्म-क्रियाओं में बहुत निष्ठावान हैं, तथा सहधर्मी वात्सल्य को बहुत महत्व देते हैं। आपने अनेक विद्यालयों, स्थानकों, जीव दया संस्थाओं तथा लोकोपकारी संस्थाओं को उदारता पूर्वक सहयोग दिया है। आपने अपने जन्म स्थान रणसी में “रुक्मा बाई पुखराज मुणोत चिकित्सालय" का निर्माण करवाया। व्यवसाय के अतिरिक्त आप समाज सेवा के कार्यों में भी सदैव अग्रणी रहते हैं। आप एस.एस. जैन संघ आलन्दुर के अध्यक्ष हैं। आलन्दुर संघ द्वारा निर्मित जैन स्थानक में आपने तन, मन, धन से पूर्ण सहयोग दिया। इसके अतिरिक्त आप एस.एस.जैन एजुकेशनल सोसायटी जैन विद्या अनुसंधान प्रतिष्ठान आदि संस्थाओं के भी सक्रिय सदस्य हैं। सम्पर्क सूत्र१००, एगाम्बरम दफेदार स्ट्रीट, अलन्दूर, चेन्नई - ६०००१६ आपके एक सपत्र श्री ज्ञानचन्द पी. जैन हैं जिन्हें धर्म के सुसंस्कार अपने माता-पिता से प्राप्त हुए। आप भी अनेक शिक्षा एवं सेवा संस्थाओं से जुड़े हैं तथा सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं को उदारता पूर्वक सहयोग देते हैं। आपका “जैन एपेरेल्स" के नाम से वस्त्र निर्यात का समृद्ध व्यापार है। सादा जीवन व उच्च विचार के धनी श्रीमान् पुखराज जी मुणोत का जीवन सबके लिए अनुकरणीय आदर्श है। THE Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jag gbrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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