SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 206
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि : श्रीमान सरदार काका सिंह पिता दीक्षा : २५ दिसम्बर १६८५ जैतो ( पंजाब ) अध्ययन : जैनागम, जैनेतर साहित्य आदि । विशेषताएँ : परम सेवाभावी, प्रवचन पटु और आशुकवि (३) सरल संत श्री लाभमुनिजी महाराज आप पूज्य गुरुदेव इतिहासकेसरी उप प्रवर्तक श्री सुमनमुनि जी महाराज के तृतीय शिष्यरल हैं। संसार पक्ष से आप श्री मेजर मुनि जी महाराज के सहोदर अनुज हैं । आप शान्त-दान्त और गंभीर मुनिराज हैं । आत्म स्वाध्याय और जप में आपकी विशेष रुचि है । शब्द चित्र जन्म माता पिता दीक्षा : खेयोवाली ( पंजाब ) : श्रीमती निहाल कौर : श्रीमान सरदार काका सिंह : बड़ोदा ( जींद) हरियाणा, १२ जनवरी २६८ सोमवार अध्ययन : जैनागम साहित्य विशेषताएं : प्रौढ़ावस्था में दीक्षित होकर भी पूर्ण अप्रमाद भाव, सरलता, निश्छलता, जपशीलता आदि । ५२ (४) युवा संत, विद्याभिलाषी श्री प्रवीण मुनिजी महाराज आप श्री पूज्य गुरुदेव श्रमण संघीय सलाहकार श्री सुमन मुनि जी महाराज के पौत्र शिष्य तथा सरलात्मा श्री मेजर मुनि जी महाराज के शिष्य रत्न हैं । Jain Education International लगभग उन्नीस वर्ष के भरे पूरे यौवन में संसार की चकाचौंध से आँख मूंदकर आपने संयम की दीक्षा अंगीकार की । अध्ययन और सेवा साधना में अपने को समग्ररूपेण नियोजित बना दिया । " गुरु इंगियागार संपन्ने” आगम वाक्य को आत्मसात् करके आप संयम पथ पर अप्रमत्त यात्रायित हैं। गुर्वाज्ञाओं का पालन करते आपने अपने छोटे से दीक्षाकाल में तीन बार प्रलम्ब यात्राएँ भी की हैं। प्रथम बार आप पंजाब से तमिलनाडु पधारे। लगभग पच्चीस सौ कि.मी. की यह प्रलम्ब विहार यात्रा आपने मात्र चार माह में पूर्ण की। उसके बाद आपने बैंगलोर से अम्बाला तक पदयात्रा की । गतवर्ष पुनः आपने पंजाब से तमिलनाडु तक की यात्रा की। आपकी ये प्रलम्ब विहारयात्राएं आपकी कर्मठता, अप्रमत्तता तथा गुरुनिर्देश के प्रति समर्पणता को स्वयं आख्यायित कर रही हैं । अध्ययन के प्रति आपकी विशेष रुचि है । आप प्रवचन के अभ्यासी भी हैं । जैन जगत को आपसे अनेक अपेक्षाएँ हैं । शब्दचित्र जन्म माता पिता दीक्षा दीक्षा गुरु : श्री मेजर मुनि जी म. अध्ययन : पच्चीस बोल, कर्म प्रकृति, नवतत्त्व, दशवैकालिक, उत्तराध्ययन आचारांगादि । विशेषताएँ : विद्याविनोदी, उग्रविहारी आदि । गुरुमठ : श्रमण संघीय मंत्री श्री सुमनमुनि जी म. : १३ मार्च १६७३, मौड़मण्डी ( पंजाब ) : श्रीमती विमलादेवी : श्री हरिराम गोयल For Private & Personal Use Only : १० जनवरी १६६३, समाना (पंजाव० श्रद्धेय चरितनायक गुरु देव का शिष्य परिवार www.jainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy