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________________ शोक प्रस्ताव आज दिनांक ६-८-९१ मंगलवार को वीर भवन में प्रातः ८.३० बजे पंडित रल श्री शुभेन्दु मुनि सा. तत्वचिन्तक श्री प्रमोद मुनि म.सा. के सानिध्य में स्वर्गीय युवाचार्य आगमज्ञ श्री १००८ श्री मधुकर मुनि जी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी सुशिष्या शासनदीपिका महासतीजी श्री कानकुंवरजी म.सा. का दिनांक ४-८-९१ को मद्रास महानगर में महाप्रयाण हो जाने के कारण एक शोकसभा रखी गई। सर्वप्रथम पंडित रत्न श्री शुभेन्दु मुनिजी म.सा. ने परमपूज्य १००८ श्री जयमल जी म.सा. एवं उनकी परम्परा के संबंध में विस्तृत जानकारी कराते हुए महासती जी श्री कानकुंवरजी म. सा. के जीवन पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात् श्रीमान् ताराचन्द सा. कोठारी, श्री पुखराज सा. मेहता, श्री नाथूसिंह जी छात्रावास अधीक्षक, हस्तीमल डोसी ने स्वर्गीया महासती जी म.सा. का जीवन परिचय देते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। महासती श्री कानकुंवरजी म.सा. शान्त एवं सरल स्वभावी थे। आपने अपने तप, जप, संयम, ज्ञान, ध्यान की आराधना करते हुए श्री संघ को मार्गदर्शन प्रदान किया एवं शासन की प्रभावना की। उनके स्वर्गवास से अपूरणीय क्षति हुई है। समस्त मेड़ता श्री संघ ने अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। आज व्याख्यान बन्द रखा गया तथा चार लोगस्स के ध्यान के पश्चात् सभा विसर्जित की गई। • श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ, मेड़ता सिटी (राजस्थान) हार्दिक श्रद्धांजलि मद्रास विराजमान स्वर्गीय पूज्य यूवाचार्य प्रवर श्री मधुकरमुनि जी महाराज की आज्ञानुवर्तिनी वयोवृद्धा महान् साध्वी श्री कान कुंवर जी महाराज के स्वर्गारोही होने का संवाद पाकर पूरे संघ में शोक की लहर व्याप्त हो गई। श्रद्वेय पूज्य प्रवर्तक श्री महेन्द्र मुनि जी महाराज 'कमल' के सानिध्य में 'स्मृति सभा' का आयोजन किया गया। संघ मंत्री श्री माणकचंद्र जी सिंघवी ने स्व. महासती जी के दिव्य जीवन पर प्रकाश डाला। श्रद्धेय प्रवर्तक श्री ने 'स्मृति सभा' में स्व. महासती जी श्री कानकुंवर जी के निर्मल संयमी जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महासती जी की संयम साधना उत्कृष्ट थी-वे न केवल मरुधरो की अपितु संघ की शान थी। उनके स्वर्गवास से संघ में एक महान दिव्य साधिका की क्षति हुई है। (४०) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012025
Book TitleMahasati Dwaya Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhashreeji, Tejsinh Gaud
PublisherSmruti Prakashan Samiti Madras
Publication Year1992
Total Pages584
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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