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________________ इसके पश्चात् मैं अपने माता-पिता के पास गई और उन्हें सारी स्थिति बताकर आज्ञा प्रदान करने के लिये निवेदन किया। प्रारंभ में तो उन्होंने आज्ञा देने से इंकार कर दिया किंतु मेरे बार बार के आग्रह और समझाने पर उन्होंने आज्ञा प्रदान कर दी। मैं अपने उद्देश्य में सफल हो गयी। आज्ञा मिलने के पश्चात् मेरी दीक्षा हुई। दीक्षोपरांत एक डेढ़ माह तक ही मैं म.सा. की छत्र छाया में रह पाई कि क्रूर काल ने उन्हें हमसे छीन लिया। पू. गुरुणीजी म.सा. का यही निर्देश रहता था कि समय को व्यर्थ मत गवाओं। एक एक पल कीमती है। जो पल चला गया वह लौटकर नहीं आता। इसलिये अपना अधिकतम समय अध्ययन में व्यतीत करो। अध्ययन-स्वाध्याय के प्रति वे सदैव ही प्रेरणा प्रदान करते रहते थे। पू.गुरुवर्या श्री सदैव सद शिक्षा दिया करते थे। उनका स्वभाव सरल एवं सहज था। मैं दोनों ही म.सा. के उपकार को कभी भी नहीं भूल सकती हूँ। उन्होंने ही मेरे जीवन का उद्धार किया। ऐसी जीवन निर्मात्री दाद गुरुवर्या को कैसे भुलाया जा सकता है। धन्य है ऐसे महापुरुष जिन्होंने अपना सर्वस्व त्याग दिया। ऐसी महान आत्मा को मेरा शत्-शत् प्रणाम और भाव भरी श्रद्धांजलि अर्पित है। मेरे जीवन नैया के खेवन हार हो तुम। मेरे जीवन के अनुपम हार हो तुम॥ दिन रात स्मृति रहती है, तुम्हारीमेरी श्रद्धा के एकमात्र आधार हो तुम॥ श्रद्धांजलि समाचार विदित हुआ कि वयोवृद्ध सरलमना म. सती श्री कानकुंवर जी मा. सा का स्वर्गवास हो गया है, यह जानकर अति ही खेद हुआ। काल के आगे किसी का जोर नहीं चलता। इस आकस्मिक निधन से म. सती मंडल बहुत दुखित हुआ है। आप एक श्रेष्ठ श्रमणी थी। इस वियोग से जो संघ में कमी हुई है यह बहुत ही बड़ा आघात है। श्री जिनेश्वर देव से यही प्रार्थना करते है कि मृत आत्मा को शान्ति मिले एवं शोक से सती मंडल को इस आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ऐसी म. सती जी की क्षति हो जाने पर उसकी पूर्ति हो जाना निकट भविष्य में असम्भव है। म. सती जी के प्रति श्रद्धा सुमन व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है। • साध्वीवृन्द, डूंगला (२९) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012025
Book TitleMahasati Dwaya Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhashreeji, Tejsinh Gaud
PublisherSmruti Prakashan Samiti Madras
Publication Year1992
Total Pages584
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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