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________________ श्रीमान बलवन्तराजजी कांटेड मद्रास श्रीमान बलवन्तराजजी कांठेड उदारमना धर्मपरायण सुश्रावक हैं । आप राजस्थान में बगड़ी ग्राम के निवासी हैं। आपकी धार्मिक भावना प्रशंसनीय है । आप सन्त-सतियों की सेवा करने के अतिरिक्त स्वधर्मी बन्धुओं की सेवा करने में अगुआ रहे हैं। वर्तमान में आपका व्यवसाय मद्रास में है । प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपका हार्दिक सह योग प्राप्त हुआ है । एतदर्थ धन्यवाद ! Jain Education International श्रीमान फूलचन्दजी गोखरू बनेड़ा (राज.) श्रीमान फूलचन्दजी सा० गोखरू एक तेजस्वी कर्मठ कार्यकर्त्ता हैं । आपकी भक्ति भावना को ही निहारकर महासती पुष्पवतीजी ने बनेड़ा वर्षावास किया था। आप प्रतिवर्ष सन्त-सतियों की सेवा व दर्शन का लाभ लेते रहते हैं । प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपने हार्दिक सहयोग प्रदान किया । एतदर्थ साधुवाद | श्रीमान छोटमलजी मुन्नीलालजी मेहता जालौर (राज०) श्रीमान छोटमलजी सा० मुन्नीलालजी मेहता गढ़ जालौर के निवासी हैं। गढ़ जालोर एक ऐतिहासिक स्थल है । जहाँ पर आचार्य श्री पूनमचन्द जी म० ने जन्म ग्रहण किया और उपाध्याय श्री पुष्कर मुनिजी म० ने दीक्षा ग्रहण की। उसी स्थान पर आपका जन्म हुआ । आप परम गुरुभक्त हैं । प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपने अपना हार्दिक अनुदान प्रदान किया हैं । एतदर्थ साधुवाद ! For Private & Personal Use Only ( १६ ) www.jainelibrary.org
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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