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सावारत्नपुष्पवता आभनन्दन ग्रन्थ
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पुष्प-पराग -सौ० विजयकुमारी बोथरा. B. A., B. E. D. मण्डी गीदडबाहा [पंजाब]
पुष्पवती विदुषी सती-का है जीवन धन्य। माता, भ्राता इस तरह, दीक्षित होकर आप। ऐसी हुआ धर्म-प्रभाविका, विरली होगी अन्य ॥ करते, करवाते सदा, जिनवर जी का जाप ।।
प्यारी नारी जाति पर, करने को उपकार । कैसे महिला मण्डली, उन्नत हो दिन-रात । लगता है आपका, मंगलमय अवतार ॥ बहुत आपके ध्यान में रहती है यह बात ॥
सतियाँ हों जो आप-सी, गहन ज्ञान गुणवती। तजा भरा परिवार सब, तजे भरे भण्डार । उन्नत मेरा देश हो, कैसे न फिर अति ।। कोई सीखे आपसे, तजना यों संसार ।
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पुण्य किये थे आपने, सचमुच सती ! महान् । लिया नहीं आलस्य का, कभी आपने नाम । गुरुवर “पुष्कर"-से मिले, उपाध्याय गुण-खान ॥ कोई सीखे आप से परहित करना काम ।।
माता जी भी आपके, संयम ले सुखकार। महावीर भगवान का, दिव्य दया-सन्देश । "प्रभावती" के नाम से, रोशन हैं संसार ॥ देती रहती आप हैं, दूर निकट के देश ।।
(१२) मुनि देवेन्द्र कुमार हैं, सगे आपके भ्रात। "विजय कुमारी" बोथरा, धरकर चरणन शीश । वंश आपका फिर न हो, कैसे जग विख्यात ॥ करे कामना आप हों, उन्नत विश्वाबीस ।।
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गुरुणी महिमा
-वैरागिन नीतू जैन अमर सम्प्रदाय में 'पुष्पा का बड़ा नाम है। भाई इनके देवेन्द्र का संघ में बड़ा नाम है। प्रेम की प्यारी पूत्री, जीवन सिंह तात है।॥ १॥ साहित्य का करते सजन ये महान पूज्य गुरुणी सोहन उनका भी बड़ा नाम है। जीवन के कण-कण में करुणा का भाव है। 'पुष्पा' को अपना कर दिया संयम ज्ञान हैं ॥ २॥ जहरीले प्राणी बचाये कई बार है ।। ६॥ जिसके कूल में जन्मे उनका भी बड़ा नाम है। कामी क्रोधी लोभी को, मोह से बचाया है। बरड़िया जैसे कुल का किया बेड़ा पार है ॥३॥ शत्र अहंकारी को आपने झुकाया है ॥ ७ ॥ इनकी माता 'प्रभाजी' का चारो ओर नाम है। प्रिय शिष्य 'चन्द्र' उनका भी बड़ा नाम है। दीक्षा लिया जीवन का किया उद्धार है ॥ ४॥ 'नीतू' जैसी शिष्या को दिया ज्ञान दान है ।। ८ ।।
गुरुणी महिमा | १३१
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ADMAT Iman
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