________________
साध्वारत्नपुष्पवता आभनन्दन ग्रन्थ
PHHHHHHHHHH
....
Mar
वन्दना के फूल
-फूलचन्द बोरुन्दिया "जसनगर"
..........................
......................
PAPPHIRHA
NASMISRDHAdamVERVADHANASHIK
A AGIRITERAMANARASWANORM
संत सती बहु दीपता, श्रमण संघ ना प्राण ।। उपाध्याय पुष्कर मुनि केसरी राजस्थान ।।१।। शास्त्री श्री देवेन्द्र मुनि, उपाचार्य गणईश ।। दिव्य विभूतियाँ संघ में, शांत दांत विशेष ॥२॥ परम विदुषी महासती, पुष्पवती गुणखान ।। दीक्षा वरस पचास की, स्वर्ण जयन्ति जान ॥३॥ जन्म उदयपुर में भयो, जीवनसिंह जी तात ।। ओसवंश में बरड़िया प्रेमा देवी मात ॥४॥ ऊगणीसो ईक्यासी में मिंगसर काली रेन ।। सातम मंगलवार ने प्रकटी सुन्दर बेन ॥५॥ परम्परा अमरेश की, तारक शिष्य विनीत ।। ज्यांरा शिष्य सुहावना, पुष्कर मुनि पुनीत ।।६।। चन्दनबाला श्रमणी संघ, मुखिया सोहन खास ।। प्रभावती जी की प्रभा जीवन में उजास ॥७।। ज्यां पासे दीक्षा लही, चौराणूं की साल ।। माघसुदी तेरस शनी, उदयपुर विशाल ॥८॥ जिन आगम अरु व्याकरण, काव्य न्याय साहित्य ।। पर दर्शन अध्ययनकर, चमकायो आदित्य ॥६॥ मारवाड़, मेवाड में, और हीं मध्यप्रदेश ।। धर्म दीपायो जैन रो, दे दे शुभ सन्देश ।।१०।। आगम ज्ञाता उपाचार्य, साहित्य सरजन हार ।। भ्राता देवेन्द्र मुनि, जिन शासन शृंगार ॥११।। भ्राता, माता, बेनजी, तीन ही दीक्षा लीध ॥ बरडिया वंश दीपावीयो, पुष्कर महिमा कीध ।।१२।। शिष्या सुन्दर तांहरी, चन्द्रा, प्रिय, किरणेश ।। रत्न ज्योति व सुप्रभा, वाड़ी या अमरेश ।।१३।। चिर आयु हो महासती, अभिना६न पृपेश ।। शासन दीपे वीर रो, वन्दन "फूल" हमेश ।।१४।।
AMAAN
वन्दना के फूल | १२६
NE
www.laine