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सास्वारन पुष्पवता आमनन्दन ग्रन्थ
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सुश्रावक श्री जीवनसिंह जी,
प्रेम देवी जी माता जी। ओस वंश में गौत्र बरडिया,
जैनधर्म रंग राता जी ।। धरमरी लगन घणी दिन-रात,
साधना कीनी है भली भांत । ___ जीवन का सार सुनाऊँनी ।
मधुर लहर में झूम-झूम के० ॥ ४ ॥ विक्रम संवत् उगणीसौ है, __ इकरयासी मन भायो जी। मगसर वद सातम पखवाड़ो, मंगलवार
कहायोजी । जन्म शुभ पल में पाया है, नाम सुन्दर ही आया है । घड़ी अनमोल बताऊँजी ।
मधुर लहर में झूम-झूम के० ।। ३ ।। उगणीसौ चौराणुं माही,
माघ महीनों जान जी। शुक्ल पक्ष है शनिवार यो,
मंगल दिवस महान जी। भाव सुं संयम लीनो है,
झूठो जग तज दीनो है । उज्ज्वल चरित्र] बताऊँ जी॥ __ मधुर लहर में झूम-झूम के० ॥६॥ महा गुणी गुरुणी सा व्हाला, __ सोहन कुंवर जी नाम जी। शुद्धाचारी महाव्रत धारी,
जन-जन रा अभिराम जी। . उदयपुर दीक्षा धारी है,
सती जी बाल ब्रह्मचारी है। ___ त्याग री गरिमा गाऊँजी ॥
मधुर लहर में झूम-झूम के० ॥ ७ ॥ गुरुणी सारी सेवा करने, _ ज्ञान खजानो भरियो जी। व्याकरण न्याय साहित्य सब भणिया,
जीवन निर्मल करियो जी।
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रचना घणी बनाई है, नव रस भरी सजाई है।
साधना सौरभ चाऊँ जी ।। मधुर लहर में झूम-झूम के० ।। ८ ।। चेल्याँ रो परिवार आप रे,
पुण्यवानी सुं मिलियो जी । चन्द्रावती, प्रियदर्शना जी,
किरन प्रभा मन खिलियो जी। रत्न ज्योति जी ज्ञानी है, संग सुप्रभा जी ध्यानी है।
प्रति दिन प्रगति चाऊँ जी। मधुर लहर में झूम-झूम के० ।। ६ ।। महासती श्री प्रभावती जी,
जननी संयम धारियो जी। उपाचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी,
भ्राता नाम कमायो जी। पंडित प्रखर कहावे है,
लेखनी ग्रन्थ लिखावे है। ___ गुणांरा पार न पाऊँ जी ।
मधुर लहर में झूम-झूम के० ।। १० ।। नगर-नगर और गाँव-गाँव में,
दिन-दिन कीर्ति बढ़ती जी। प्रभावशाली प्रेरक भाषण,
अमृतवाणी भरती जी।
सौम्यता मुख पर दमके हैं, रवि ज्यूं जीवन .. चमके हैं। __ श्रद्धा रा फूल चढ़ाऊँ जी ।।
मधुर लहर में झूम-झूम के० ।। ११ ।। मंगल कामना याहिज म्हारी, ..
दीर्घायु वण रीजो जी। सद्गुण संयम री सौरभ सुं,
सदा सुयश ही लीजो जी। मनावे अभिनन्दन सब आज, सफल हो 'रसिक' आपरा काज ।
बधाई गीत सुनाऊँ जी । मधुर लहर में झूम-झूम के० ॥ १२ ॥
वधाई गीत। ५३
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