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आ. शांतिसागरजी जन्मशताब्दि स्मृतिग्रंथ
ri रस्स सारो
प्रातः स्मरणीय पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री शांतिसागरजी के चरणों के सान्निध्य में मैं कुछ समय तक रहा और उनके श्रीमुख से " समयसार " महान आध्यात्मिक ग्रन्थ का अमृत रसपान किया था । वे जिस समय समयसार पर प्रवचन करते थे सभी श्रोताओं को अध्यात्म - नंदनवन में प्रविष्ट कर देते थे । अतएव आज भी उस समय की पूज्य श्री की स्मृतियाँ मानस पटल पर अंकित है । मैं सविनय मन, वचन, काय की त्रिशुद्धि से त्रिकाल नमोऽस्तु करता हुआ भावाञ्जलि अर्पित करता हूँ ।
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दिगम्बर जैन मन्दिर, अलवर, राजस्थान
दि. १७-४-७३
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विद्यानन्दमुनि
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