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: १६६ : ऐतिहासिक दस्तावेज
मोहर छाप चण्डावल (मारवाड)
पलसी ।
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जैन स्वामीजी श्री चौथमलजी महाराज रो आगमन राणावास में संवत् १६६६ रा ज्येष्ठ सुदि १ ने वो ने श्रीमान् राव बहादुरजी साहब ने श्री भंवरजी साहब गोविन्दसिंहजी साहब ने व्याख्यान व धर्मोपदेश सुना तिणसं श्रीमान् खुश होय इण मुजब अगता पलावण से हुक्म फरमाया है सो चण्डावल पट्टा-रा गाँव अगता नीचे मुजब पलसी ।
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२ जैन पजूषणा में बैठता व १ छमखरी ।
१
१ पौष विदि १० श्री पार्श्वनाथजी भगवान्जीरे जन्म दिवस ने |
१ चैत्र सुदि १३ श्री महावीर स्वामीजी भगवान्रो जन्म दिवस ने
२ पूज्य महाराज श्री चौथमलजी से आगमन व बिहार जिन गांवा में होसी जद अगता
श्री जैन दिवाकर- स्मृति-ग्रन्थ
मोहर छाप
काणाणा ( मारवाड)
॥ श्री परमेश्वरजी सहाय छे । ॥ श्री मुरलीधरजी ॥
६ उपर लिखिया हुवा दिनारा अगता इण मुजब पलसी ।
१ शिकार व कसाईखाना बन्द रेसी । १ धाणियां अगता में बन्द रेसी ।
स्वस्ति श्री राव बहादुरजी ठाकुर साहब राजश्री गिरधारीसिंहजी साहब कुंवरजी साहब श्री गोपालसिंहजी साहब वचनात लिखतं ।
१ कुम्हारा रा नीबाब अगता में बन्द रेसी ।
१ कन्दोईरी भट्टियाँ भी बन्द रेसी व गाड़ोलिया लुवार वगैरारी आरण बन्द रेसी।
उपर लिखिया मुजब अगता सदा बन्द पलसी सं० १९९६ रा ज्येष्ठ सुदि ११ निरजला एकादशी वार सूरज ता० १५-५-४०
द० चांदमल रा छे श्री राव बहादुरजी साहब रा हुक्म से। भारतसिंह कामदार ठिकाना श्री चण्डावल मुकाम राणावास *
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॥ श्री ॥
स्वारूप की ठाकुरां राजश्री साहब श्री विजयकरणसिंहजी साहब कुंवर साहब श्री शिवकरणसिंहजी वचनायत जैन स्वामी श्री १०५ श्री श्री चौथमलजी महाराज का आगमन काणाणा में संवत् १६६७ रा
के फाल्गुन कृष्णा १० को यहाँ पर पधारना हुआ व्याख्यान व धर्मोपदेश सुना जिससे खुश होकर नीचे मुजब प्रतिज्ञा की है ।
१. श्रावण मास में किसी जानवर की शिकार नहीं करूंगा और मेरे पट्टे के गांवों में इस माह में कोई शिकार नहीं कर सकेगा ।
२. पौष कृष्णा १० को श्री पार्श्वनाथ भगवान का जन्म दिवस होने से हमारे पट्टे के गांवों में कोई जीव हिंसा न होगी ।
२. चैत्र शुक्ला १२ की श्री महावीर भगवान का जन्म दिवस होने से हमारे पट्टे के गांवों में जीव हिसा नहीं होगी।
४. भाद्रव शुक्ला १४ को अनन्त चतुर्दशी का अगता पाला जायेगा।
५. श्री पूज्य स्वामी श्री चौथमलजी महाराज का पट्ट के गाँवों में आगमन और बिहार के दिन अगते पाले जायेंगे । (सही) विजयकरणसिंह ठि० काणाणा
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