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जीवदया और सदाचार के अमर साक्ष्य : १४०:
॥ श्री रामजी॥ श्री केरेश्वरजी! X + + + + +++x | मोहर छाप
आज यहाँ जैन सम्प्रदाय के महाराज चौथमलजी ने कृपया
व्याख्यान उपदेश किया, जो प्रशंसनीय व पूरा हितकारी सर्व-जनों के लूणदा
लाभदायक पूरा परमार्थ पर हुआ। आपके उपदेश से चित्त प्रसन्न होकर प्रतिज्ञा की जाती है कि
(१) छोटे पक्षी की शिकार करने की रोक की जाती है। (२) वैशाख मास में खरगोश की शिकार इरादतन न की जायगी। (३) मादीन जानवरों की इरादतन शिकार नहीं की जायगी।
(४) नदी गोमती व महादेवजी श्री केरेश्वरजी के पास श्रावण मास में मच्छियों की शिकार की रोक की जायगी।
सं० १९८२ का ज्येष्ठ शुक्ला ७ गुरुवार
(द०) जवानसिंह ॥ श्री एक लिंगजी॥
।। श्री रामजी ॥
जैन सम्प्रदाय के श्रीमान महाराज श्री चौथमलजी का दो दिन मोहर छाप
कुरावड़ महलों में मनुष्य जन्म के लाभान्तर्गत अहिंसा, परोपकार, क्षमा, कुरावड़
आदि विषयों पर हृदयग्राही व्याख्यान हुआ, जिसके प्रभाव से चित्त द्रवीभूत होकर निम्नलिखित प्रतिज्ञा की जाती है
(१) कुरावड़ में नदी तालाब पर जलचर जीवों की हत्या की रोक रहेगी। (२) आपके शुभागमन व प्रस्थान के दिन यहाँ पर जीव-हिंसा का अगता रहेगा। (३) मादीन जानवर इरादतन नहीं मारे जावेंगे।
(४) पक्षियों में सात जातियों के जानवरों के सिवाय दूसरे जाति के जीव की हिंसा नहीं की जावेगी। इन सातों की गिनती इस तरह होगा कि जिस तरह से इत्तफाक पड़ता जावेगा । वो ही गिनती में शुमार होंगे।
(५) भाद्रपद कृष्णा अष्टमी से सुदी पूर्णिमा तक खटीकों की दुकानें बन्द रहेंगी।
(६) श्राद्ध-पक्ष में पहले से अगता रहता है सो बदस्तूर रहेगा और इसमें सर्व हिंसा व खटीकों की दूकानें भी बन्द रहेंगी।
(७) प्रतिमास एकादशी दो, अमावस्या, पूर्णिमा को अगतो हमेशा सं रेवे है सो बदस्तूर रहेगा और खटीकों की दुकानें बिल्कुल बन्द रहेगा।
(८) आश्विन मास की नवरात्रि में एक दिन । (९) दरवाजे नवरात्रि में एक पाड़ो हमेशा बलिदान होवे वो बन्द रहेगा। (१०) नवरात्रि में माताजी कारणीजी पांगलीजी के पाड़ा नहीं चढ़ाया जावेगा । (११) दस बकरा अमरीया कराया जावेगा। ऊपर लिखे मुआफिक अमलदरामद रहना जरूरी लिहाजा
हु० नम्बर २६३ नकल इसकी तामिलन कोतवाली में भेजी जावे। दूसरी नकल महाराज चौथमलजी के पास सूचनार्थ भेजी जावे। दूसरे सरदार बगैरों ने भी बहुत-सी प्रतिज्ञा की है। उसकी फेहरिश्त अलग है। संवत् १९८२ असाढ़ कृष्णा १४ ।
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