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श्री जैन दिवाकर-स्मृति-ग्रन्थ ।
स्मृतियों के स्वर : १०८ :
जादू की तरह महात्मा की मूल्यवान वाणी का प्रभाव उस वृद्धा के मन पर पड़ा।
देखा गया कि उस दिन के बाद लोगों के चिढ़ाने के बाबजूद उसने कभी उवाल नहीं खाया; बल्कि प्रेमपूर्ण व्यवहार और वाणी की मिठास को नहीं छोड़ा और दो माह बाद जब महाराज श्री से वही वृद्धा मिली तो कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उसने सूचना दी कि-वह आपश्री द्वारा दिये गए वशीकरण मंत्र की साधना के द्वारा कैसे सूखी हो गई थी।
"इस मंत्र को कभी नहीं भूलना मां ! दिनोंदिन तुम शान्ति के पथ पर अग्रसर होती जाओगी।" गुरुवर्य ने अपना अनुभव-जन्य सन्देश सुनाया।"
क्यों न हम भी उस मंत्र से लाभ उठाएं।
(२) सन्त-वारणी का असर
श्री रमेशमुनि, सिद्धान्ताचार्य पूज्य गुरुदेव के व्याख्यान का मधुर प्रभाव हृदय-पटल पर कैसा अचूक होता था, उसका यह एक निदर्शन भी आनन्दकारी होगा।
गुरुदेव श्री उदयपुर में विराजमान थे । एक गरीब की झोंपड़ी से लेकर राजमहलों तक उनके व्याख्यान की चर्चा थी। व्याख्यान-श्रवण कर कतिपय व्यक्ति अपनी जीवन-दशा बदल चुके थे, बहुत से सन्मार्गी बन गए थे।
एक अंग्रेज अफसर का नौकर शाक-भाजी लेने बाजार जा रहा था, जन समूह देखकर ठहर गया । महाराजश्री का प्रवचन चल रहा था । नौकर सुनने में तल्लीन हो गया, सुध-बुध भूल गया। यही नहीं, अब वह रोजाना का नियमित श्रोता बन गया, उसकी विविध प्रकार की बुरी आदत स्वयमेव छूटती गईं, जीवन में एक अभूतपूर्व परिवर्तन आ गया । वह बड़ा शरीफ बन गया। इस परिवर्तन को देखकर मालिक अंग्रेज हैरत (आश्चर्य) में था।
"तुम्हारी बड़ी बुरी आदतें आखिर कैसे छूट गईं ?" अंग्रेज साहब ने उस नौकर से पूछासकुचाते हुए उत्तर में नौकर बोला-"सर ! यह जैनमुनि गुरु श्री चौथमलजी महाराज का प्रताप है, मेरे जीवन परिवर्तन का कारण दूसरा कुछ भी नहीं है । मैं आजकल उनका लेक्चर सुनता हूँ।”
महाराज श्री शौचार्थ जिस मार्ग से जाते थे उसी मार्ग पर उस अंग्रेज अफसर का बंगला था। एक दिन मुलाकात होने पर अंग्रेजी के साथ-साथ थोड़ी-थोड़ी हिन्दी और उर्दू मिलाकर वह अंग्रेज बोला-"सन्त जी, मेरा नाउकर बड़ा बादमाश था। मगर आपके प्रीचिग्स को सुनकर उसका जिदगानी में टैब्डिली हो गया है। अब मेरे को वह एक नेक चलन इन्सान माफिक लगता है। हम आपका ऐशानमंद है, थैक्यू सर !"
दूर-दूर खड़े जिज्ञासु-जन देखते ही रह गये, एक संत की वाणी का कितना व्यापक और हृदयस्पर्शी असर है, जो हर सुनने वाले के अन्दर परिवर्तन की लहर पैदा कर देता है।
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