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सांध्य बेला:
[वि० सं० २००७ कोटा ]
-महाप्रयाण से पूर्व श्री जैन दिवाकर महाराज की रुग्णावस्था का एक चित्र रोग व जरा ने शरीर को शिथिल बना दिया, पर आत्मबल आज भी प्रचंड है।
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