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( २७ ) काव्य प्रशस्तिः
श्री रमाशंकर शास्त्री अभिनन्दन पत्र
स्थानकवासी जैन श्री संघ, सादड़ी सदन, पूना
द्वितीय खण्ड : जीवन दर्शन साक्षात्कार : एक युग पुरुष का
देवेन्द्र मुनि शास्त्री छवि : अभ्यन्तर व्यक्तित्व की
देवेन्द्र मुनि शास्त्री कुछ विशिष्ट सम्पर्क एवं विचार-चर्चाएँ
देवेन्द्र मुनि शास्त्री कदम-कदम पर पदम खिले
देवेन्द्र मुनि शास्त्री (गुरुदेवश्री के विहार चर्या और वर्षावास : एक विवरण) संस्मरण : कुछ मीठे-कुछ कड़वे
देवेन्द्र मुनि राजस्थान केशरी श्री पुष्करमुनिजी का सन्त व सती परिवार
राजेन्द्र मुनि शास्त्री श्रीमद् पुष्कर-गुर्वाष्टकम्
राजेन्द्र मुनि शास्त्री तृतीय खण्ड : गुरुदेव को साहित्य धारा गुरुदेव की साहित्य धारा : एक अवगाहन
देवेन्द्र मुनि शास्त्री श्रीमदाचार्यामरसिंह महाकाव्यम् : एक समीक्षात्मक अध्ययन
पं० रमाशंकर शास्त्री श्री पुष्करमुनि जी का कथा साहित्य : एक आलोचनात्मक दृष्टि प्रो० श्रीचन्द जैन, M. A., LL. B. विचार और वाणी के धनी-प्रवचनकुशल श्री पुष्कर मुनि
श्रीचन्द सुराना 'सरस' अनुभव के बोल (श्री गुरुदेव के साहित्य से संकलित)
चतुर्थ खण्ड : जैनदर्शन-चिन्तन के विविध आयाम जैनदर्शन का आदिकाल
श्री दलसुखभाई मालवणिया Some Concepts underlying Jain Logic & Philosophy
Dr. S. S. Barlingay जैनन्याय का पुनर्वीक्षण
डा. संगमलाल पांडेय जैनतर्कशास्त्र में अनुमानविमर्श
डा० दरबारीलाल कोठिया The Philosophy of Mahavira
____Dr. Satya Ranjan जैनदर्शन की निक्षेप पद्धति
उपाध्याय श्री मधुकर मुनि जैनदर्शन में आगम (श्रुत) प्रमाण
सुश्री डा० हेमलता बोलिया The Relativity of Naya in Jain Logic
Dr. Brij Kishore Prasad भारतीय दार्शनिक परम्परा और स्याद्वाद
डा० देवेन्द्र कुमार शास्त्री जनदर्शन में जीवतत्त्व : एक विवेचन
श्री विजय मुनि शास्त्री Pramana and Naya in Jaina Logic
V. K. Bharadwaja भारतीय दर्शन में आत्ममीमांसा
श्री अरुणविजयमुनि जनदर्शन में मुक्ति : स्वरूप और प्रक्रिया
श्री ज्ञानमुनि जी महाराज (जैनभूषण) ईश्वरवाद तथा अवतारवाद
. श्री सौभाग्यमल जैन एडवोकेट ईश्वर और मानव
डा. कृष्ण दिवाकर जैनदर्शन में तत्त्वचिन्तन
डा० साध्वी धर्मशीला Apah : Divine and Purifying Substance
Dr. J. R. Joshi जैनदर्शन में अनेकान्त
महासती श्री कुसुमवती 'सिद्धान्ताचार्या' भारतीय दर्शनों में आत्मतत्त्व
महासती श्री प्रमोदसुधा 'साहित्यरत्न' दर्शन और विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में पुद्गल :
राष्ट्रसंत आचार्य श्री आनन्द ऋषिजी एक विश्लेषणात्मक विवेचन जैन दर्शन के सन्दर्भ में : पुद्गल
रमेश मुनि साहित्यरत्न पुनर्जन्म सिद्धान्त : प्रमाणसिद्ध सत्यता/
श्री भगवती मुनि 'निर्मल' विश्व को जैनदर्शन की देन
डा० द. ग. जोशी A Survey of the plant and Animal Kingdom
Dr. J. C. Sikdar as Revealed in Jaina Biology
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