________________
सद्गुणों का खिला हुआ बगीचा बहुमुखी प्रतिभा के धनी
श्री डालचन्द परमार श्री चम्पालाल जी कोठारी, बम्बई श्री घीसुलाल जी रांका, बंगलौर श्री पारसमल जी मिश्रीलाल जी जीनाणी श्री जोहरीमलजी मृषा (रावर) श्रीमती सुशीला उगमराज मेहता, बंगलौर एल० बी० शाह, बेंगलौर श्री माणसिंह नागरेचा अर्जुनलाल मगनलाल मेहता, गोगुन्दा
शांतिलाल जैन मुलतानमल रांका,
श्री एस० चम्पालाल मुत्था पं० गोविन्दराम व्यास
गुणज्ञ सन्त
निस्पृहयोगी को प्रणाम श्री दानमल पुनमिया, ( महामन्त्री - राजस्थान केसरी अभिनन्दन ग्रंथ प्रकाशन स० )
(पद्य भाग)
श्रद्धा के केन्द्र : गुरुदेव सच्चे सन्त
अद्भुत प्रभाव
तीर्थराज पुष्कर
सद्गुणों के पु
प्रकाश स्तम्भ
हार्दिक श्रद्धाना
बीसवीं सदी के महापुरुष आचारनिष्ठ सन्त
अविस्मरणीय वर्षावास
पथ-प्रदर्शक भ्रमण सन्त
आशीर्वचन
अभिनन्दन इक्कीसी वन्दन—अभिनन्दन
सदा रहो जयवंत
पुष्कर आप सुतीर्थ श्रद्धा के पुष्प
दो चरण ....!
पढ़ो सभी पुष्कर प्रभा
हमारे गुरुदेव
उपाध्याय पुष्कर मुनिवर का अभिनन्दन हो महागुणी पुष्कर मुनि
शतश: अभिनन्दन
वन्दना अभिनन्दन
वन्दना
सुवासित पुष्प मनोकामना
देखो मुनि पुष्कर-भा शुभ-कामना
भाव -वन्दना
युग-पुरुष तुम्हें शत शत वंदन
श्रद्धामय गुरु
बंदियव्वो महागुरु समर्पणम्
( २६ )
ओ जंगम पुष्कर तीर्थराज पुष्कर ! तेरा अभिनन्दन है !
श्री पुष्कर गुरु-गुण गीतिका
श्रद्धा
गौरवं गुण- पञ्चकम् ढापुष्पाभिनन्दनम्
Jain Education International
एस० श्री कण्डमूर्ति, बेंगलौर श्रमणसूर्य प्रवर्तक मरुधर केशरी मिश्रीमल जी महाराज चन्दन मुनि 'पंजाबी'
दिनेश मुनि मुनिश्री विनयकुमार 'भीम'
श्री महेन्द्रमुनि 'दिनकर'
श्री हीरामनि जी महाराज 'हिमकर'
श्री गणेशमूनि शास्त्री
तपस्वी श्री रूपमुनि 'रजत' (मुक्ता शिष्य)
श्री गणेशमुनि शास्त्री मुनि श्री महेन्द्रकुमार 'कमल' भूपेन्द्र मुनि (रजत शिष्य) मुनि सतीशचन्द्र 'सत्य' विद्याविनोदी श्री शुकनमुनि जी आर्या चन्द्रावती, जैन सिद्धान्ताचार्य जिनेन्द्रमुनि काव्यतीर्थ
साध्वी भारती जी, जैन सिद्धान्तविशारद साध्वी श्री राजेमती जी
पं० बालाराम कवि किंकर ( जोधपुर राज० ) साध्वी श्री रोशनकुँवर जी प्रभाकर महासती कुंवर जी श्रीचन्द सुराना 'सरस' बीनेमीचन्द जी पुगलिया गजसिंह राठोड, जैन व्याक्ती भंवरलाल दोशी, कमोल (उदयपुर)
प्राचार्य द० ग० जोशी (अहमदनगर)
महासती कुसुमवती श्री रमेशमुनि काव्यतीर्थ शास्त्री महासती पुष्पावती
For Private & Personal Use Only
६०
६१
६२
६३
६४
६५
TE
६७
६७
६७
ह ६८
६६
&&
१०० १०२
१०३
१०५
१०५
१०५
१०६
१०७
१०८
१०६
११० १११
११२
११२
११३
११४
११५
११५
११६
११६
११६
१२०
१२०
१२१
१२२
१२२ १२३
१२४
१२५
www.jainelibrary.org