________________
[ पं. रतनचन्द जैन मुख्तार : यद्यपि सर्वथा हिंसा का त्याग नहीं कर सकता, किन्तु उसे संकल्पी हिंसा का त्याग तो अवश्य करना चाहिए । बिना संकल्पी हिंसा का त्याग किये कोई भी मनुष्य 'जन' कहलाने का अधिकारी नहीं है । डाक्टरी पढ़ने में संकल्पी हिंसा होती है, अतः जैनधर्म डाक्टरी पढ़ने की सम्मति कैसे दे सकता है ? यदि बिना संकल्पी हिंसा के डाक्टरी पढ़ना संभव हो तो मेरी समझ में डाक्टरी पढ़ने व करने में कोई हानि नहीं है।
-जै. सं. 8-1-59/V) प्र.च. जून, दमोह कौनसो हिंसा किस गुणस्थान तक होती है ? शंका-हिंसा के चार भेद हैं। उनमें से किस गुणस्थान तक कौनसी हिंसा होती है ? स्पष्ट करें।
समाधान-त्रस संकल्पी हिंसा चतुर्थ गुणस्थान तक हो सकती है। प्रारंभी, उद्योगी तथा विरोधी हिंसा पंचम गुणस्थान तक होती है ।
-पलाचार 5-12-75/ ज. ला. जन, भीण्डर
द्रव्याहिंसा तथा भावहिंसा शंका-हलवाई, डाक्टर, कसाई अथवा जघन्य शूद्र इनमें विशेष हिंसक कौन है ? यहिंसा तथा भावहिंसा की अपेक्षा।
समाधान-हलवाई, डाक्टर और कसाई इन तीनों में विशेष हिंसक कसाई है, क्योंकि संकल्पी हिंसा करता है। हलवाई और डाक्टर के व्यवसाय में यद्यपि हिंसा होती है किन्तु वह संकल्पी हिंसा नहीं है। यदि हलवाई और डाक्टर भी संकल्पी हिंसा करते हैं तो वे भी कसाई के तुल्य हो जायेंगे। कहा भी है
'आरम्भेऽपि सदा हिंसां सुधीः साङ्कल्पिकी त्यजेत् ।
घ्नतोऽपि कर्षकादुच्चैः पापोऽघ्नन्नपि धीवरः ॥५२॥ सागा. धर्मा. अध्याय २ अर्थात-मांस प्राप्ति प्रादि हेतुओं से मैं इसे मारता हूँ इस बुद्धि का नाम संकल्प है। ऐसे संकल्प पूर्वक होनेवाली हिंसा को संकल्पी हिंसा कहते हैं। सुधी श्रावक कृषि प्रादि कर्म में प्रवृत्ति करते समय भी संकल्पी हिंसा कामदेव त्याग करें। मछली को मारने के लिये तत्पर धीवर यद्यपि साक्षात् मार नहीं रहा परन्तु मारने के संकल्प नहित है. इसलिये वह प्रारम्भ में प्रवृत्त किसान से अधिक पापी है ( उक्त श्लोक की टीका ) अतः भावहिंसा की अपेक्षा कसाई के विशेष हिंसा है। द्रव्यहिंसा की अपेक्षा हलवाई के अधिक हिंसा की सम्भावना है। भावहिंसा परिणामों पर निर्भर है, अतः डाक्टर व हलवाई में से किस के भावहिसा अधिक है यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। 'जघन्यशद्र' से क्या प्रयोजन है, समझ में नहीं आया अतः इस विषय में कुछ नहीं कहा जा सकता।
-जं. सं. 19-2-59/V/ . कीर्तिसागर चूहे पर झपटती हुई बिल्ली को चूहे से दूर करना चाहिए शंका-बिल्ली ने चूहा पकड़ा या उस पर वार करने को झपटी और उसे खाने के लिये उद्यत हुई। लेकिन अभी चूहा मरा नहीं है । इस समय दयालु एवं अहिंसा उपासक जन को क्या करना चाहिये ? जबकि एक जानकी जान जा रही है और दूसरी ओर बिल्ली का मुख्य उदरपोषण उससे छिन जाने का कारण बनता है।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org