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परम पूज्य आचार्यकल्प १०८ श्री श्रुतसागरजी महाराज
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जन्म
मुनिदीक्षा
समाधि फाल्गुन बदी अमावस्या भाद्रपद शुक्ला ३
ज्येष्ठ कृष्णा ५ वि.सं. १९६२, बीकानेर वि.सं. २०१४, खानियां (जयपुर) वि.सं.२०४५, लूणवां (नागौर)
* प्रस्तुत ग्रन्थ के लिए आशीर्वचन * "हमारा आशीर्वाद है, तुम लोगों ने जो काम उठाया है, उसमें तुम्हें
पूरी सफलता प्राप्त हो।"*
* प्राचार्यकल्पश्री की सल्लेखना के सातवें दिन दिनांक ४ मई १९८८ को मेरे नमोस्तु निवेदन के बाद वे अत्यन्त क्षीण ध्वनि में उपयुक्त शब्द बोले थे।
-चे० प्र० पाटनी ONTROTOCHROMETROOTERED
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