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সকাঙ্খাতীয়
विगत समय से हमारी संस्था ने लगभग बीस पुस्तकें प्रकाशित करने का गौरव प्राप्त किया है । जैसा कि
मुनि श्री प्रताप अभिनन्दन ग्रन्थ भगवान महावीर के पावन प्रसंग जैन दिवाकर संस्मरणों के आईने में चिंतन के आलोक में प्रताप कथा कौमुदी, भाग १ से 8 तक आचार्य श्री खूबचन्द जी महाराज व्यक्तित्व एवं कृतित्व तपोधनी श्री बसन्तमुनि जी महाराज जीवन-दर्शन बिखरे मोती-निखरे हीरे (मुक्तक)
इस प्रकार सरल-सुबोध सुन्दर अनेक कृतियां पाठकों के कर-कमलों में पहुंच चुकी है । जिनकी विद्वद् वर्ग ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की एवं सुज्ञजनों के अभिमत भी प्राप्त हुए हैं। यह सब श्रेय मेवाड़भूषण श्री प्रतापमलजी महाराज के शिष्यरत्न सुलेखक श्री रमेश मुनि जी महाराज को है, युगानुकूल जिनकी लेखनी साहित्योद्यान में सतत प्रगतिशील रही एवं ज्ञान की अभिवृद्धि में भी पूर्णत: सहयोगी रही है।
इस समय मुनिद्वय (उपा. श्री कस्तूरचन्द जी महाराज, प्रवर्तक श्री हीरालालजी महाराज) संयुक्त अभिनन्दन ग्रन्थ का भव्य प्रकाशन करते हुए हमें अत्यधिक गौरवानुभूति हो रही है।
ऐतिहासिक, धार्मिक, दार्शनिक एवं देशीय रचनाओं से यह ग्रन्थ काफी महत्त्वपूर्ण बना है, एतदर्थ पठनीय एवं दर्शनीय माना जायेगा।
___सभी सहयोगियों का हम आभार मानते हैं। आशा है पाठक वृन्द इस ग्रन्थ से लाभान्वित होंगे।
-श्री रमेश जैन साहित्य प्रकाशन समिति
गांधी कालोनी, जावरा (M. P.)
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