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परम्परा और आधुनिकता के संगम
पं० महेन्द्रकुमारजी न्यायाचार्य के साहित्य और आलेखोंके अध्ययनसे ऐसा लगता है कि वे सदा समसामयिक हैं। उन्होंने जहाँ जैनधर्म और दर्शनके महत्त्वपूर्ण प्राचीन ग्रन्थोंका उत्कृष्ट सम्पादन करके परम्पराकी रक्षा की है वहीं उन्होंने अपने सम्पादकीय और समसामयिक आलेखों द्वारा जैनधर्मं दर्शनको वैज्ञानिक शैली में प्रस्तुत करके आधुनिकताका भी परिचय दिया है और अनेक पीढ़ियोंको उस अमृतज्ञान से लाभान्वित किया है । मेरी यही भावना है कि जैन समाज में ऐसे अनेक विद्वान् हों ताकि जैनधर्म-दर्शनके महत्त्वसे सम्पूर्णं जगत् परिचित हो सके । मेरा शुभाशीष आप सभीके सदा साथ है ।
मुनि श्री सुधासागरजी महाराज
आशीर्वाद
न्यायशास्त्र के प्रसिद्ध विद्वान् पं० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्यका स्मृति ग्रन्थ निकल रहा है | यह उत्तम कार्य है । उनके द्वारा तत्त्वार्थवार्तिक आदि कई ग्रन्थोंका नई शैली एवं वैज्ञानिक पद्धति से सम्पादन हुआ है। उनके साथ अनुसन्धान पूर्ण प्रस्तावना, परिशिष्ट - आदिका संयोजन कार्य भी किया गया है, जो अनुसन्धित्सु पाठकों के लिए बड़ा ही उपयोगी है ।
इस सार्थक प्रयत्नके लिए हमारा आप सबको आशीष है ।
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मुनि श्री क्षमासागरजी महाराज
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