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PROYAHOON
सरदारसिंह चोरडिया
प्रख्यात उद्योग विशेषज्ञ, प्रख्यात समाजसेवी एवं कुशल वक्ता। महाप्रबन्धक, बिरला उद्योग समूह ग्वालियर । कर्मठ समाज सेवी, क्षेत्रीय तथा प्रदेश की अनेकों समाजसेवी तथा औद्योगिक संस्थाओं से सम्बद्ध । ग्वालियर को अधिकांश प्रमुख समाजसेवी संस्थाओं व न्यासमण्डलों के प्रेरक, सरक्षक, उन्नायक एवं पदाधिकारी । सर्वधर्म मानव मन्दिरों के प्रेरक बसस्थापक । समन्वयवादी विचारधारा से ओतप्रोत, सर्वधर्म समभाव के हामी । अध्यक्ष, श्री 2500 वां भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव स्मारक न्यास तथा श्री 2.00 वां भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव समिति, ग्वालियर संभाग । सदस्य महासभा--जीवाजी विश्व
विद्यालय, ग्वालियर । सम्पर्क --बिरलानगर, ग्वालियर 474,004 । पं. सुमेरचन्द्र दिवाकर
शास्त्री, बी. ए; एल-ाल वी., न्यायतीर्थ, विद्वरत्न । जैन दर्शन के प्रकाण्ड विद्वान, प्रखर लेखक व वक्ता । जन्म--8 अक्टूम्बर 190, सिवनी (म. प्र.)। 19 | में अमहयोग आन्दोलन में महात्मा गांधी के आव्हान पर अंग्रेजों द्वार' मचालित अंग्रेजी विद्यालय त्यागकर मरैना के जैन गुरुकुल में संस्कृत एव धर्म का अ ययन प्रारम्भ किया । म्य द्वाद महाविद्यालय, वाराणसी में न्यायती की उपाधि प्राप्त की। वैरिस्टर चम्पत गयजी की प्रेरणा मे हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में पुनः अध्ययन प्रारम्भ कर --वी. ए. एवालल. बी. की परीक्षा उत्तं ण की। आजन्म ब्रह्मचयं ब्रत धारणकर सम्पूर्ण जीवन समाज एव सस्कृति की सेवा को समर्पित । अ. भा. दि. जैन महासभा द्वारा "विद्वत्रन' की उपाधि से विभूषित, चरित्र नक्रवर्ती आचार्य शिगमणि 108 . योगीश्वर श्री शान्तिसागर जी महाराज द्वारा 'धर्म दिवाकर'' की पदवी प्रदत्त । भारत के मूडवी मठ के सवधाचोन दिगम्बर जैन प्रकृत अथ गज 'महाधवल' (महाबंध) को प्राप्त कर उसका सम्पादन किया। सम्पादक-कषाय पाहुड़ महावन्ध; पूर्व सम्पादक -- जैन गजट । टोकियो (जापान) में आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन में जैनधर्म का प्रतिनिधित्व किया। अंग्रेजी व हिन्दी में अनेको मौलिक ग्रन्थों के रचयिता । प्रमुख रचनाएँ---जैनशासन, चरित्र चक्रवर्ती, महाश्रमण महाबीर, थमण - वेलगोला, सैद्धान्तिक चर्चा, चम्प पूरी सम्मेद शिखर, अध्यात्मिक ज्योति, तीर्थ कर Nudity of Jain Saints, Religion & Peace, Tirthankar Mahavir Life & Philosophy सम्पर्क ...दिवाकर सदन, सिवनी (म. प्र.)
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