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आभार
तीर्थकर महावीर के निर्वाण की पच्चीसवीं शती की पूर्ति के अवसर पर विश्वभर में आयोजित कार्यक्रमों की श्रखला में व जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला के क्रम में "तीर्थकर महावीर स्मति-ग्रन्थ" आपके हाथों में प्रस्तुत है । इस अवसर पर ग्रन्थ के प्रकाशन में विश्वविद्यालय को विभिन्न महानुभावों एवं संस्थानों से प्राप्त सहयोग के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना मैं अपना पुनीत कर्तव्य समझता हूँ।
सर्वप्रथम मैं ग्रन्थ की प्रकाशन समिति के संयोजक एवं ग्रन्थ के सम्पादक तथा विश्वविद्यालये महासभा के सदस्य श्री रवीन्द्र मालव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना परम् कर्तव्य समझता हूँ। प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में उनका दृढ़ निष्ठापूर्ण विश्वास एवं कड़ा परिश्रम निहित है । विश्वविद्यालय के इस सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रकाशन में उनसे प्राप्त सक्रिय एवं रचनात्मक सहयोग के लिये विश्वविद्यालय उनका आभारी है।
ग्रन्थ में प्रकाशित विभिन्न सामग्री के लेखकों के प्रति भी विश्वविद्यालय अत्याधिक कृतज्ञ है, जिन्होंने विश्वविद्यालय के निवेदन को स्वीकार कर अपने व्यस्त जीवन में से कुछ वहमूल्य समय निकालकर ग्रन्थ हेतु
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