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विषयउद्देशकसमाप्ति पञ्चमदेशक (वनस्पति)
उपक्रम
अनगारलक्षण
वनस्पतिकायसचित्तता ( लक्षणद्वार )
वनस्पतिप्ररूपणा ( भेद )
वनस्पतिपरिमाण
वनस्पतिकायोपमर्द्दन संसार का
११
हेतु है
रूपादि गुण में मूर्च्छा संसार
का कारण है
रूपादिगुण मूर्च्छादोष वनस्पतिशस्त्रसमारम्भ में तदाश्रित अनेक जीवहिंसावनस्पतिविराधक साध्वाभास
उपभोगद्वार वनस्पतिविराधनाफल मनुष्यशरीर के साथ वनस्पतिकी सचित्तता की सिद्धि
उपसंहार
उद्देशसमाप्ति
षष्ठोद्देश (सकाय)
उपक्रम
सों के भेद
त्रसकायलक्षण त्रसकायप्ररूपणा
काय परिणाम
प्रत्येक सजीवों के
सुख दुःख अलग अलग हैं
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