________________
2
श्रीकण
હું, ગ, મ, જનસૂરિસ્ટને તવા પી એ સ પરવાનો
(५)
श्रीपरमेसराजी सही
स्वस्ति श्रीमहाराजाधिराज महाराना श्रीसूरन सिंहजी कुं० श्रीगजसिंघजी वचनात् युगप्रधान श्रीजिन चंद्र सूरिजीनु मया करे वो दियो जु श्रीवोधनेर सोशत शिवा मेड जैतारण आसोप देस, माहूरी धरती है ततरी मांहे बाजा बजावी शालर दमांमा बाजा मात्र बजावतां कोई मने करें सु गुन्हेगार होती मागध ( मिगसर ) बदि ९ संवत १६६४ दुवै श्रीमुस । म । भाटी गोइंद दासजी । पा । जोधनेर ।
ओ मूल परवांनो उ. श्रीसरूपचंदजी गणि पास है श्रीजोधपुर में, तिकैरी आ नकल है ।
( पत्र १ सभारा संगम छे. )